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चकाई के सुंदरी गांव में गर्भवती महिला को प्रसव के लिए करनी पड़ी नदी पार, वायरल वीडियो ने खोली व्यवस्था की पोल

 

बिहार के जमुई जिले के चकाई प्रखंड अंतर्गत गजही पंचायत के सुंदरी गांव से एक झकझोर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए नदी पार करते हुए देखा जा सकता है। महिला के साथ ग्रामीण लोग मिलकर उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर नदी पार करा रहे हैं। यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत उजागर

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि महिला की हालत नाजुक है और उसे बेहद सावधानी से नदी पार कर अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, सुंदरी गांव में सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है। बरसात के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब गांव पूरी तरह से नदी और कीचड़ के कारण बाकी क्षेत्रों से कट जाता है।

ग्रामीणों ने की मानवीय मदद

गर्भवती महिला को जब प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो परिजनों ने एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन दुर्गम रास्तों और पुल के अभाव में वाहन गांव तक नहीं पहुंच सका। मजबूरन ग्रामीणों ने लकड़ी और कपड़े से एक अस्थायी स्ट्रेचर तैयार किया और नदी के बीचोंबीच से होकर महिला को पार कराया। यह दृश्य बेहद भावुक और चिंताजनक था।

वायरल वीडियो ने जगाई बहस

यह वीडियो जैसे ही इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर तीखी प्रतिक्रिया दी। यूजर्स ने लिखा कि "Digital India" और "स्वास्थ्य अधिकार" के दावे तब बेमानी लगते हैं, जब एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़े।

प्रशासन ने लिया संज्ञान

वीडियो के वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। जमुई के डीएम और सिविल सर्जन ने संबंधित बीडीओ और सीओ से तत्काल रिपोर्ट तलब की है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि गांव में जल्द ही स्थायी पुल और सड़क निर्माण की दिशा में काम किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो।

वर्षों से अनदेखा हो रहा है इलाका

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे कई वर्षों से सड़क, स्वास्थ्य केंद्र और पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। सुंदरी गांव जैसे कई इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है, जिससे हर बारिश के मौसम में लोगों की जान आफत में पड़ जाती है।