प्रशांत किशोर का बड़ा हमला, BJP को बताया भ्रष्टाचार का रक्षक, डॉ. दिलीप जायसवाल को जेल भेजने की तैयारी में जुटे
बिहार की राजनीति में इन दिनों चुनावी गर्मी के साथ बयानबाजी भी चरम पर है। जनसुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) पर जहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और महागठबंधन लगातार भाजपा की 'बी टीम' होने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं पीके ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा और उसके नेताओं पर सीधा हमला बोलते हुए नया सियासी मोर्चा खोल दिया है।
प्रशांत किशोर ने हाल ही में यह दावा किया है कि वह नीतीश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भिजवाने की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने अपने दावे को मजबूत करने के लिए भ्रष्टाचार के एक गवाह को भी मीडिया और जनता के सामने पेश कर दिया है।
पीके का आरोप – “भ्रष्टाचार के सरगना हैं दिलीप जायसवाल”
प्रशांत किशोर ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा:
“दिलीप जायसवाल ने मंत्री रहते हुए करोड़ों का भ्रष्टाचार किया। हमने दस्तावेज इकट्ठा कर लिए हैं और अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। भाजपा अगर सच में भ्रष्टाचार के खिलाफ है, तो सबसे पहले अपने प्रदेश अध्यक्ष को पद से हटाकर जांच के लिए तैयार हो।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने भ्रष्ट नेताओं को संरक्षण देना शुरू कर दिया है, और यही वजह है कि दिलीप जायसवाल जैसे चेहरे संगठन में शीर्ष पदों पर बैठे हैं।
गवाह आया सामने
इस पूरे विवाद को और गरमाते हुए पीके ने उस व्यक्ति को सामने लाकर खड़ा कर दिया है, जो उनके अनुसार इस भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष गवाह है। पीके का कहना है कि
"यह व्यक्ति खुद सरकारी योजना के दौरान हुए घोटाले का हिस्सा रहा, लेकिन अब वह पश्चाताप कर रहा है और सच्चाई जनता के सामने लाना चाहता है।"
गवाह ने भी मीडिया के सामने कुछ दस्तावेजी सबूत प्रस्तुत किए, जिनमें नियुक्तियों और सरकारी योजनाओं में पैसों के लेन-देन का उल्लेख है।
RJD और महागठबंधन के लिए असहज स्थिति
RJD और महागठबंधन पहले से ही पीके को भाजपा की 'बी टीम' कहकर जनता के बीच उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन अब जब पीके भाजपा के ही प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाकर कानूनी कार्रवाई की ओर बढ़ रहे हैं, तो महागठबंधन की राजनीति में असहजता बढ़ गई है।
भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा की ओर से हालांकि इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया गया है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि
“प्रशांत किशोर खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। चुनाव नजदीक आते देख उन्हें सस्ती लोकप्रियता की तलाश है।”