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वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर छिड़ा सियासी घमासान, आरजेडी ने पोस्टर वॉर में EC को बताया BJP का 'तोता'

 

बिहार में कुछ ही महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान को लेकर सियासी तापमान तेजी से चढ़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर अब विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोलते हुए पोस्टर वॉर छेड़ दिया है। राजधानी पटना सहित कई जिलों में लगे पोस्टरों में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की तस्वीरों के साथ चुनाव आयोग को बीजेपी का 'तोता' बताया गया है।

RJD का आरोप है कि वोटर वेरिफिकेशन ड्राइव के नाम पर जातीय और राजनीतिक आधार पर चुनिंदा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। पार्टी का दावा है कि यह पूरी प्रक्रिया भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इशारे पर की जा रही है, ताकि आगामी चुनावों में विपक्ष को नुकसान पहुंचाया जा सके।

पोस्टरों में लिखा गया है—
"चुनाव आयोग बन गया है BJP का तोता!"
"वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के नाम!"
इस तरह के नारों और आरोपों के साथ RJD ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

तेजस्वी यादव का तीखा वार

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा,

"BJP चुनाव हार रही है, इसलिए अब वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कराकर लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश रच रही है। चुनाव आयोग को निष्पक्षता दिखानी चाहिए, लेकिन अफसोस की बात है कि वह अब एक पक्षीय भूमिका में नजर आ रहा है।"

चुनाव आयोग की सफाई

दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण एक नियमित प्रक्रिया है, जो हर चुनाव से पहले किया जाता है। इसमें किसी भी नागरिक के नाम को बिना वैध कारण के नहीं हटाया जाता। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अफवाह फैलाने से बचें और प्रक्रिया में सहयोग करें।

BJP की प्रतिक्रिया

इस पूरे घटनाक्रम पर BJP नेताओं ने भी पलटवार किया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा,

"RJD को हार का डर सता रहा है, इसलिए वह पहले से ही बहाने बनाना शुरू कर चुकी है। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और उस पर इस तरह के आरोप लगाना लोकतंत्र का अपमान है।"

क्या है वोटर वेरिफिकेशन ड्राइव?

वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान के तहत चुनाव आयोग मतदाताओं से उनके नाम, पता, उम्र और पहचान की पुष्टि करवा रहा है। इसमें नई वोटर आईडी बनवाने, पुरानी जानकारी अपडेट करने और मृत या डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया शामिल होती है।