बिहार बंद के दौरान कन्हैया-पप्पू यादव विवाद पर सियासी तूफान, पप्पू बोले- कांग्रेस में सीएम पद के कई चेहरे, मुझे बड़ी भूमिका मिल सकती
बिहार में महागठबंधन द्वारा आहूत ‘बिहार बंद’ के दौरान कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को मंच और गाड़ी से दूर रखने की घटना ने प्रदेश की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद कन्हैया कुमार के पार्टी छोड़ने की अटकलें भी तेज हो गई थीं। हालांकि, अब पप्पू यादव के एक बयान ने इस पूरे घटनाक्रम को नया मोड़ दे दिया है।
पप्पू यादव के बयान ने बढ़ाई हलचल
पप्पू यादव ने स्पष्ट कहा है कि कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए कई उपयुक्त चेहरे मौजूद हैं, जिनमें वरिष्ठ नेता तारिक अनवर और दलित नेता राजेश राम का नाम उन्होंने विशेष तौर पर लिया। पप्पू यादव ने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस नेतृत्व उन्हें अब “एक बड़ी भूमिका” देने जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा,
“बिहार बंद के दिन जिस तरह मुझे और कन्हैया को नजरअंदाज किया गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। लेकिन मुझे भरोसा है कि कांग्रेस नेतृत्व ने अब मेरी भूमिका को पहचानना शुरू किया है।”
कन्हैया कुमार की चुप्पी और अटकलें
इस पूरी घटना में कन्हैया कुमार अब तक चुप हैं, लेकिन उनकी गाड़ी पर चढ़ने से रोके जाने और कार्यक्रम से दूरी बनाए जाने की तस्वीरें कांग्रेस के भीतर असंतोष और अंतर्विरोध को उजागर करती हैं। सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोरों पर है कि क्या कन्हैया इस अपमान के बाद पार्टी में बने रहेंगे या कोई बड़ा फैसला लेंगे?
कांग्रेस में सीएम चेहरों की चर्चा क्यों?
पप्पू यादव द्वारा राजेश राम और तारिक अनवर का नाम लेना कांग्रेस की आंतरिक रणनीति की ओर इशारा करता है। यह बयान उस वक्त आया है जब महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। ऐसे में यह बयान महागठबंधन के अंदर सत्ता की होड़ और असहमति को भी सामने लाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस अपने भीतर नेतृत्व तय करने को लेकर संघर्ष कर रही है। पप्पू यादव की लोकप्रियता, खासकर सीमांचल और कोसी क्षेत्र में, उन्हें एक संभावित चेहरा बना सकती है — हालांकि उनके कांग्रेस में स्थायी और स्पष्ट रोल को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है।