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कोडरमा–रजौली NH-20 फोरलेन के नए रूट का स्थलीय निरीक्षण, दूरी होगी 11 किमी कम

 

कोडरमा से रजौली तक राष्ट्रीय राजमार्ग-20 (NH-20) को फोरलेन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस क्रम में नए प्रस्तावित रूट का स्थलीय निरीक्षण किया गया। अधिकारियों के अनुसार, यह नया मार्ग न केवल कोडरमा घाटी के दुर्घटना संभावित क्षेत्र से वाहनों को सुरक्षित निकास देगा, बल्कि वन्य प्राणी आश्रयणी की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा।

प्रस्तावित नए रूट के लागू होने से कोडरमा और रजौली के बीच की दूरी करीब 11 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। इसके साथ ही भारी वाहनों की आवाजाही भी अधिक सुगम और सुरक्षित हो सकेगी।

स्थलीय निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ऋतुराज सहित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, वन विभाग और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने रूट के विभिन्न बिंदुओं का बारीकी से निरीक्षण किया और भू-भाग, वन क्षेत्र, आबादी तथा पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन किया।

प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि नए रूट के चयन में कम से कम घरों और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंचे, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। जिन क्षेत्रों से सड़क गुजरेगी, वहां सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने को प्राथमिकता दी जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा कोडरमा घाटी क्षेत्र दुर्घटनाओं के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील रहा है। तीखे मोड़, ढलान और घना जंगल होने के कारण यहां अक्सर सड़क हादसे होते रहे हैं। नया प्रस्तावित मार्ग इस जोखिम को काफी हद तक कम करेगा और यात्रियों की सुरक्षा को बेहतर बनाएगा।

वन विभाग के अधिकारियों ने भी मौके पर मौजूद रहकर यह सुनिश्चित किया कि सड़क निर्माण के दौरान वन्यजीवों के आवागमन और प्राकृतिक आवास पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। इसके लिए आवश्यकतानुसार अंडरपास, ओवरपास और अन्य सुरक्षा उपायों को भी योजना में शामिल करने की बात कही गई है।

उपायुक्त ऋतुराज ने कहा कि यह परियोजना क्षेत्र के विकास की दृष्टि से बेहद अहम है। फोरलेन सड़क बनने से न सिर्फ आवागमन आसान होगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

स्थलीय निरीक्षण के बाद संबंधित विभाग अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसके आधार पर आगे की स्वीकृति और निर्माण प्रक्रिया को गति दी जाएगी। स्थानीय लोगों को भी भरोसा दिलाया गया है कि उनकी समस्याओं और सुझावों को प्राथमिकता के साथ सुना जाएगा।