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बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन गरमाया सियासी पारा, विपक्ष का हंगामा, जनसुराज पार्टी करेगी विधानसभा का घेराव

 

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार को तीसरे दिन भी राजनीतिक गर्मी से भरा रहा। एक ओर जहां विपक्ष ने मतदाता पुनरीक्षण और कानून व्यवस्था को लेकर सदन के अंदर जोरदार प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर जनसुराज पार्टी ने अपनी ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है। पार्टी ने ऐलान किया है कि वह आज विधानसभा का घेराव करेगी।

जनसुराज पार्टी ने जिन मुद्दों को लेकर यह घेराव करने का फैसला लिया है, वे राज्य की जमीनी हकीकत से जुड़े हैं। इनमें रोजगार की समस्या, भूमिहीन परिवारों को जमीन देने की मांग, और भूमि सर्वेक्षण में हो रहे कथित भ्रष्टाचार प्रमुख हैं। पार्टी का दावा है कि इन मुद्दों को लेकर उन्होंने राज्य भर से 1 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए हैं, जो जनता के असंतोष और चिंता का प्रमाण है।

विपक्ष का हंगामा – मतदाता सूची और कानून-व्यवस्था पर हमला

विधानसभा के भीतर भी माहौल कम गर्म नहीं रहा। विपक्ष ने चुनाव आयोग द्वारा किए गए मतदाता पुनरीक्षण में उजागर हुई अनियमितताओं को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। हाल ही में आयोग की रिपोर्ट में सामने आया था कि राज्य में 52 लाख मतदाता अपने पते पर नहीं रहते और 18 लाख की मौत हो चुकी है, लेकिन उनके नाम अब भी मतदाता सूची में दर्ज हैं।

इसके साथ ही विपक्ष ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। हाल के दिनों में अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।

जनसुराज पार्टी की मांगें और रणनीति

जनसुराज पार्टी के नेताओं ने कहा है कि भूमिहीन परिवारों को पट्टा देकर जमीन देने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार चरम पर है, और यह मुद्दा सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भूमि सर्वेक्षण में भारी अनियमितताएं और रिश्वतखोरी हो रही है, जिससे गरीब परिवारों को न्याय नहीं मिल रहा।

पार्टी ने यह भी कहा है कि बिहार में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है, लेकिन सरकार रोजगार सृजन की दिशा में ठोस कदम उठाने के बजाय सिर्फ घोषणाएं कर रही है।

प्रशासन अलर्ट, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

जनसुराज पार्टी के घेराव को देखते हुए पटना पुलिस और प्रशासन ने विधानसभा के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और ट्रैफिक डायवर्जन की भी व्यवस्था की गई है।

बहरहाल, बिहार की राजनीति में मानसून सत्र के बीच सदन के अंदर और बाहर दोनों ओर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। सरकार को अब इन जनमुद्दों का जवाब देना होगा या सत्र हंगामे की भेंट चढ़ सकता है — यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।