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अब सड़क चौड़ीकरण के लिए वन भूमि उपयोग से पहले लेनी होगी पर्यावरण विभाग की अनुमति

 

अब किसी भी सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए यदि वन भूमि का उपयोग किया जाना है, तो उससे पहले पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वन भूमि संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता देने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

हाल के दिनों में विभिन्न सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं के तहत बड़ी मात्रा में वन क्षेत्र को अधिग्रहित किया गया, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन की स्थिति पैदा होने लगी थी। इसी को देखते हुए सरकार ने स्पष्ट किया है कि आगे से कोई भी विभाग या एजेंसी बिना आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी के वन भूमि का उपयोग नहीं कर सकेगी

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सड़क निर्माण या चौड़ीकरण की परियोजनाओं के लिए यदि वन भूमि की आवश्यकता होती है, तो संबंधित विभाग को पूर्व स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन (EIA) और सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (SIA) जैसे पहलुओं की रिपोर्ट भी शामिल रहेगी।

इस निर्णय से एक ओर जहां विकास कार्यों में पारदर्शिता और योजना का पालन सुनिश्चित होगा, वहीं दूसरी ओर वन संपदा और जैव विविधता की रक्षा भी की जा सकेगी। इसके साथ ही सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाना उसकी प्राथमिकता है

विशेषज्ञों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे स्थायी विकास की दिशा में अहम पहल बताया है। अब देखना यह होगा कि नई नीति के लागू होने के बाद विकास परियोजनाओं की स्वीकृति प्रक्रिया कितनी प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल होती है