नार्वे की राजदूत एलिन स्टेनर महाबोधि मंदिर पहुंचीं, कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ भव्य स्वागत
बिहार दौरे पर आईं नार्वे की राजदूत एलिन स्टेनर बुधवार को विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर पहुंचीं। उनके साथ उनके पति एस्पेन आसेन और वरिष्ठ सलाहकार अंडीस वी सिंह भी मौजूद रहे। यह यात्रा पूरी तरह आधिकारिक थी, जिसे लेकर प्रशासन ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए थे। मंदिर परिसर और आसपास के इलाके को सील कर दिया गया था और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर थीं।
महाबोधि मंदिर में की पूजा-अर्चना
राजदूत एलिन स्टेनर ने महाबोधि मंदिर में बुद्ध के वज्रासन स्थल पर बैठकर ध्यान लगाया और पूजा-अर्चना की। उन्होंने बौद्ध धर्म और महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त की। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें विधिवत पूजन कराया और महाबोधि मंदिर के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी।
हुआ भव्य स्वागत
महाबोधि मंदिर पहुंचने पर बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति और स्थानीय प्रशासन की ओर से राजदूत और उनके प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत किया गया। पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया।
बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों ने भी राजदूत से मुलाकात कर क्षेत्र की सांस्कृतिक और पर्यटन संभावनाओं पर चर्चा की।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
राजदूत की यात्रा को लेकर प्रशासन पहले से ही पूरी तरह सतर्क था। बोधगया में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी। बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वाड और खुफिया एजेंसियों ने पूरे मंदिर परिसर की तलाशी ली थी। श्रद्धालुओं की आवाजाही को भी कुछ देर के लिए सीमित कर दिया गया था।
पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों पर फोकस
राजदूत की यह यात्रा केवल धार्मिक स्थल के दर्शन तक सीमित नहीं रही। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से भारत-नार्वे के बीच सांस्कृतिक, शैक्षणिक और पर्यटन सहयोग को और मजबूत करने को लेकर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि
"महाबोधि मंदिर विश्व शांति और करुणा का प्रतीक है। नार्वे के लोग भी भारत की आध्यात्मिक विरासत से बहुत प्रभावित हैं।"