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MUNGER  पिछले 22 वर्ष के उच्चतम शिखर पर पहुंचा था गंगा का जलस्तर, 6 प्रखंड के 44 पंचायत बाढ़ से हुए थे प्रभावित

 

बिहार न्यूज़ डेस्क !!! पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले में आई बाढ़ के साथ राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से उप मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया।  गंगा का जलस्तर पिछले 22 सालों के सबसे उच्च शिखर पर था। इसका असर 2016 और 2019 में आई बाढ़ की अपेक्षा अधिक भयावह था। गंगा का जलस्तर 17 अगस्त को 40.15 मीटर के उच्च स्तर पर रहा। इस बाढ़ से 6 प्रखंडों के 44 पंचायत प्रभावित हुए। इसमें से 21 पंचायत के 331 वार्ड पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित रहे। आपदा के कारण 382 झोपड़ी, 23 कच्चा मकान तथा 38 पशु शेड को क्षति पहुंची। आपकी जानकारी के लिए बता दे की,राज्य के उपमुख्यमंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने मंगलवार को संग्रहालय सभागार में जिले में बाढ़/अतिवृष्टि/आपदा एवं राजस्व संग्रहण को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जबकि सदर प्रखंड के 1 भैंस की मौत हुई। वहीं 12 व्यक्तियों की बाढ़ में डूबने से मौत हो गई। ग्रामीण कार्य विभाग की 38 तथा खड़गपुर-तारापुर के 17 रोड पुल पुलिया प्रभावित हुई। जिसे मोटेरेबुल बना दिया गया है। खबरों से प्राप्त जानकर के अनुसार बताया जा रहा है कि,जिले के 06 प्रखंड के 142 ग्रांव बाढ़ से प्रभावित हुए।

127 नाव बाढ़ से लोगों को निकालने में लगाई गई थी। 26 सामुदायिक रसोई केंद्र तथा 25 आपदा राहत शिविर चलाया गया। राहत शिविरों में 25 मोबाइल चिकित्सा दल सक्रिय था। जबकि 1685 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में छिड़काव कराया गया। राहत केंद्रों पर 7134 टेस्टिंग तथा 9335 टीका लगाया गया।14171 हेक्टेयर रकवा में लगी फसल प्रभावित हुई। राहत बचाव कार्य में एनडीआरएफ के दो टीम सक्रिय रही। राजस्व संग्रहण की समीक्षा के क्रम में सामने आया कि राज्य कर ने अब तक अपने लक्ष्य का 26 प्रतिशत राजस्व संग्रहण किया है। विद्युत 79 एवं राष्ट्रीय बचत 31 प्रतिशत उपलब्धि हासिल किया है। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमी योजना ऋण प्राप्त करने में किसी प्रकार का जीएसटी निबंधन पत्र की आवश्यकता नहीं है। लक्ष्य के अनुरूप सभी विभाग राजस्व संग्रहण में तेजी लाएं।