बिहार में बढ़ते अपराध पर बवाल, 10 दिनों में 22 से ज्यादा हत्याएं, सरकार पर विपक्ष का तीखा हमला
बिहार में अपराध का ग्राफ एक बार फिर तेजी से चढ़ता नजर आ रहा है। राजधानी पटना से लेकर राज्य के अन्य जिलों तक हत्या, लूट और गैंगवार की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 10 दिनों के भीतर 22 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं, हालांकि कुछ घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं, जिससे आशंका जताई जा रही है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है।
अपराध की घटनाओं से दहशत
बीते कुछ दिनों में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, पूर्णिया, दरभंगा और अन्य जिलों में एक के बाद एक हत्या की वारदातों ने लोगों में डर का माहौल बना दिया है। कई मामलों में दिनदहाड़े गोलीबारी और गैंगवार की घटनाएं सामने आई हैं। कहीं जमीन विवाद तो कहीं पारिवारिक रंजिश, तो कहीं आपराधिक गिरोहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई इन हत्याओं की वजह बनी है।
विपक्ष का हमला तेज
राज्य में लगातार हो रही हत्याओं को लेकर विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा:
"बिहार में अब जान की कोई कीमत नहीं बची है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। क्या यही 'सुशासन' है?"
वहीं जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि
"सरकार सत्ता बचाने में लगी है, जनता की सुरक्षा से किसी को मतलब नहीं।"
सरकार और पुलिस का दावा – कार्रवाई हो रही है
वहीं बिहार पुलिस और सरकार ने अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में सक्रियता का दावा किया है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि
"हर हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। कई मामलों में आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।"
गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को गश्त बढ़ाने और आपराधिक गिरोहों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञों की राय
सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में बेरोजगारी, राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर कानून व्यवस्था अपराध बढ़ने के मुख्य कारण हैं। साथ ही, जांच प्रक्रिया की धीमी गति और कमजोर अभियोजन तंत्र अपराधियों के हौसले को बढ़ावा दे रहा है।