बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र समाप्त, नीतीश सरकार के कार्यकाल का अंतिम सत्र रहा अहम
बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। यह सत्र नीतीश कुमार सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम सत्र था, इसलिए राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी अहम माना जा रहा है। 21 जुलाई से शुरू हुए इस पांच दिवसीय सत्र में कई महत्वपूर्ण कार्यवाही संपन्न हुई, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी की मंजूरी भी शामिल रही।
सत्र के दौरान कुल 13 सरकारी विधेयकों को विधानसभा की मंजूरी मिली, जिससे राज्य सरकार के प्रशासनिक और वित्तीय कामकाज को गति मिलेगी। इसके अलावा विधानसभा में जनता से जुड़े सवालों पर भी जोरदार चर्चा हुई। कुल सात अल्प सूचित प्रश्न, 546 तारांकित प्रश्न और 64 अतारांकित प्रश्नों को स्वीकृति मिली। इससे यह साफ होता है कि विधायक जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सक्रिय रहे।
ध्यान आकर्षण सूचनाओं की बात करें तो इस सत्र में कुल 98 ध्यान आकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुईं। इनमें बिजली संकट, सड़क की हालत, शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे प्रमुख विषयों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा और जवाब मांगा।
हालांकि इस सत्र में कोई बड़ा राजनीतिक टकराव देखने को नहीं मिला, लेकिन बिहार की राजनीतिक फिजा में चुनावी गर्मी महसूस की जा सकती है। चूंकि यह सत्र नीतीश सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम सत्र था, इसलिए सरकार ने इसे पूरी तरह परिणामोन्मुख और लोकलुभावन बनाने की कोशिश की। वित्तीय प्रबंधन, विकास योजनाओं और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को सदन से मंजूरी मिली।
सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने वक्तव्यों में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और दावा किया कि एनडीए सरकार ने हर वर्ग के लोगों के हित में काम किया है। वहीं, विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की, लेकिन सदन की कार्यवाही अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रही।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव के पहले यह सत्र नीतीश सरकार के प्रदर्शन का लेखा-जोखा भी बनकर सामने आया है। जनता अब सरकार के वादों और कार्यों का मूल्यांकन करेगी।
अब जबकि बिहार चुनाव की आहट तेज होती जा रही है, यह सत्र आगामी रणनीतियों और घोषणाओं की नींव भी तैयार कर गया है। सभी दलों की नजर जनता की नब्ज पर है और हर कोई अपने-अपने तरीकों से चुनावी बिसात बिछाने में जुटा है।