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पटना में शुरू हुआ मिथिला पेंटिंग ट्रेनिंग सेंटर, महिलाओं और युवाओं को मिलेगा रोजगार का नया जरिया

 

बिहार सरकार की एक और पहल अब कला को रोजगार से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होने जा रही है। श्रम संसाधन विभाग की ओर से पटना में मिथिला पेंटिंग ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत कर दी गई है। इस केंद्र के माध्यम से बिहार की लोकप्रिय पारंपरिक कला ‘मिथिला पेंटिंग’ को संरक्षित करने के साथ-साथ इसे महिलाओं और युवाओं के लिए आजीविका का सशक्त माध्यम बनाया जाएगा।

क्या है खास?

यह ट्रेनिंग सेंटर न केवल पेंटिंग सिखाने का कार्य करेगा, बल्कि इसे प्रशिक्षण, विपणन और उद्यमिता से भी जोड़ेगा।
सरकार का लक्ष्य है कि इस सेंटर के जरिए:

  • महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए,

  • उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाए,

  • और उन्हें स्थानीय से वैश्विक बाजार तक पहुंच दिलाई जाए।

नीतीश सरकार की ‘हुनर योजना’ का हिस्सा

यह ट्रेनिंग सेंटर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘हुनर योजना’ और कला एवं संस्कृति आधारित रोजगार सृजन मिशन का हिस्सा है। सरकार मानती है कि मिथिला पेंटिंग जैसी पारंपरिक कला को रोजगार से जोड़कर हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सकता है।

महिलाओं के लिए अवसर

मिथिला पेंटिंग परंपरागत रूप से महिलाओं द्वारा की जाने वाली एक पारंपरिक कला है, जो अब न केवल घरेलू दीवारों तक सीमित है, बल्कि कपड़ों, घरेलू साज-सज्जा, गिफ्ट आइटम्स और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भी जगह बना चुकी है।

अब इस ट्रेनिंग सेंटर की मदद से महिलाएं:

  • पेशेवर पेंटर बन सकेंगी,

  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये बिक्री कर सकेंगी,

  • और सरकारी सहायता व ऋण योजनाओं से छोटे उद्यम शुरू कर सकेंगी।

अधिकारियों का बयान

श्रम संसाधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:

“यह ट्रेनिंग सेंटर न केवल एक कला केंद्र होगा, बल्कि यहां से जुड़ने वाले लोग खुद को स्वरोजगार के लायक बना सकेंगे। मिथिला पेंटिंग का बाजार देश-विदेश तक फैला है, हमें बस हुनरमंद लोगों को मंच देना है।”

भविष्य की योजनाएं

  • राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसे ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना

  • डिजिटल ट्रेनिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ने की तैयारी

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भी जोर