बिहार में अदालत में वकील ने ही चोरी किए अहम कागजात, सीसीटीवी में कैद हुई हरकत
बिहार की एक अदालत में दिनदहाड़े हुए चौंकाने वाले घटना ने सबको हैरान कर दिया। अदालत में पेश एक वकील ने अहम और महत्वपूर्ण कागजात चोरी कर लिए, लेकिन उनकी यह हरकत वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। इस घटना ने अदालत परिसर की सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, यह मामला जिले की ACJM अदालत का है। चोरी की घटना उस समय सामने आई जब वकील कथित तौर पर अपने क्लाइंट के पक्ष में जरूरी दस्तावेज लेने के बहाने अदालत के दस्तावेज़ों तक पहुंचा। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया कि वकील ने चुपके से कागजात अपने साथ ले लिए। अदालत प्रशासन ने तुरंत ही वीडियो फुटेज की समीक्षा की और घटना की पुष्टि की।
घटना की गंभीरता को देखते हुए संबंधित ACJM ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वकील के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। अदालत ने कहा कि इस प्रकार की हरकत न केवल न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करती है बल्कि जनता के प्रति अदालत की विश्वसनीयता को भी कमजोर करती है।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि अदालत में मौजूद सीसीटीवी कैमरों ने मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कैमरे की मदद से चोरी की पूरी प्रक्रिया स्पष्ट रूप से सामने आई, जिससे यह साबित हो गया कि वकील ने जानबूझकर दस्तावेज़ उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
वकील की इस हरकत ने न्यायिक समुदाय में भी चिंता पैदा कर दी है। कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना है कि वकीलों को न्यायिक आचार संहिता का पालन करना चाहिए और इस तरह की घटनाएँ न्याय व्यवस्था की प्रतिष्ठा पर बट्टा लगाती हैं। अदालत प्रशासन ने सभी वकीलों को चेतावनी भी दी है कि किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना अदालत में पारदर्शिता और निगरानी के महत्व को दर्शाती है। अगर सीसीटीवी कैमरे न लगे होते, तो यह चोरी आसानी से छुप सकती थी और कानूनी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकती थी। यह घटना भविष्य में अन्य न्यायालयों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर देती है।
इस मामले की जांच अब उच्चाधिकारियों द्वारा की जा रही है। वकील के खिलाफ न केवल चोरी का मामला दर्ज किया गया है बल्कि उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना भी जताई जा रही है। अदालत प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि न्यायालय में किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।