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कैमूर के अधौरा प्रखंड को मिला बड़ी पेयजल योजना का तोहफा, 60 गांवों में पहुंचेगा शुद्ध पानी

 

जंगल और पहाड़ों से घिरे बिहार के कैमूर जिले के अधौरा प्रखंड के ग्रामीणों के लिए एक राहत भरी खबर है। गर्मी के मौसम में हर साल पेयजल संकट से जूझने वाले इस इलाके के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। अधौरा के सात पंचायतों के लगभग 60 गांवों में अब शुद्ध पेयजल पहुंचाने की दिशा में सरकार ने निर्णायक कदम उठाया है।

राज्य कैबिनेट की बैठक में इस महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकृति दे दी गई है, जिसके तहत करीब 294 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत से अधौरा क्षेत्र में व्यापक पेयजल आपूर्ति व्यवस्था विकसित की जाएगी। इस योजना का सीधा लाभ करीब 45 हजार ग्रामीणों को मिलेगा, जो अब तक जल संकट से लगातार जूझते रहे हैं।

अधौरा प्रखंड, जो अपनी भौगोलिक विषमता और दुर्गमता के लिए जाना जाता है, वर्षों से पेयजल संकट से प्रभावित रहा है। गर्मियों में हैंडपंप सूख जाते हैं, कुएं जवाब दे जाते हैं और ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। ऐसे में यह योजना अधौरा वासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

सरकार की इस परियोजना के अंतर्गत आधुनिक जलापूर्ति प्रणाली की स्थापना की जाएगी। इसमें जलाशयों, पाइपलाइन नेटवर्क, शुद्धिकरण संयंत्र और घरेलू नल कनेक्शन शामिल होंगे। योजना के अंतर्गत प्रत्येक घर तक नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जल परीक्षण और निगरानी की भी व्यवस्था होगी।

कैमूर जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, योजना के क्रियान्वयन का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए विशेष निगरानी समिति का गठन भी किया गया है। अधौरा के जिन सात पंचायतों को इस योजना में शामिल किया गया है, वे हैं—कड़ौली, झरही, अधौरा, रैजा, दुर्गावती, बहुआरा और कुरैचा। इन क्षेत्रों में वर्षों से पेयजल के स्थायी समाधान की मांग की जा रही थी।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बिहार सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह योजना उनके जीवन में बुनियादी परिवर्तन लाएगी। अब बच्चों और महिलाओं को रोजाना पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और जलजनित बीमारियों का खतरा भी कम होगा।