अंतरिक्ष मिशन पर ISRO के खर्च हुए 548 करोड़, शुभांशु शुक्ला को कितनी मिली सैलरी
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उपलब्धि ने न सिर्फ भारत को गर्व महसूस कराया है, बल्कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की भागीदारी को भी नई दिशा दी है। एक्सिओम-4 मिशन के तहत वह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर गए, जहां उन्होंने 18 दिन तक शोध और तकनीकी प्रयोग किए।
अब सवाल उठ रहा है कि इतनी बड़ी और खर्चीली यात्रा पर गए शुभांशु शुक्ला को कितनी सैलरी मिली? तो आइए जानते हैं इससे जुड़े तथ्यों को:
✅ शुभांशु शुक्ला की सैलरी से जुड़े मुख्य बिंदु:
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शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना (IAF) में ग्रुप कैप्टन हैं।
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उनकी बेस सैलरी उनके रैंक के अनुसार निर्धारित होती है। ग्रुप कैप्टन की औसतन मासिक सैलरी 1.5 से 2 लाख रुपये होती है (सरकारी वेतनमान के अनुसार)।
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स्पेस मिशन से अलग कोई बोनस या स्पेशल एलाउंस?
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अंतरिक्ष मिशन में भाग लेने पर NASA या Axiom जैसे संगठनों के साथ कोलैबोरेशन में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को विशेष मिशन एलाउंस और बीमा सुरक्षा दी जाती है।
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हालांकि, भारत सरकार या इस मिशन के तहत शुभांशु को मिलने वाली विशेष रकम को सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं किया गया है।
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अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से?
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उदाहरण के तौर पर, NASA के एस्ट्रोनॉट्स को प्रति दिन अंतरिक्ष में रहने पर 500 से 650 डॉलर तक एलाउंस मिलता है।
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अगर इसी दर पर देखा जाए, तो शुभांशु को 18 दिन के लिए करीब 9,000 से 11,000 डॉलर (लगभग 7.5 से 9 लाख रुपये) के आसपास स्पेस एलाउंस मिल सकता है।
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Axiom Space का कॉन्ट्रैक्ट मॉडल:
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Axiom मिशन में जाने वाले कई एस्ट्रोनॉट्स प्रायवेट रूप से भेजे जाते हैं, जिनमें खर्च या सैलरी स्पॉन्सर के माध्यम से होती है।
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लेकिन शुभांशु शुक्ला भारत सरकार के प्रतिनिधि और वायुसेना के अफसर होने के नाते सरकारी तौर पर चयनित मिशन का हिस्सा थे, इसलिए उनकी सैलरी भी उसी के अनुसार होगी।
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