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सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने में अब नहीं चल पायेगी मुखीया की मर्जी, पहले होगा भौतिक सत्यापन

 

अब बेकार जगहों पर सोलर स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई जाएंगी, क्योंकि पंचायत प्रतिनिधियों के पास काम करने या करवाने का अधिकार है।मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत, नई सोलर लाइट लगाने के लिए अब फिजिकल वेरिफिकेशन ज़रूरी होगा। बिना साइट वेरिफिकेशन और मंज़ूरी के लाइट नहीं लगाई जाएंगी। पहले भी ऐसी खबरें सामने आई थीं कि कुछ पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने फायदे के लिए बेकार जगहों पर लाइटें लगाई थीं। कई लाइटें प्रतिनिधियों के दरवाज़ों और दूसरी सुविधाओं को रोशन करने के लिए लगाई गई थीं। इन बातों के बाद, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अंशुल कुमार ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। अधिकारियों और लागू करने वाली एजेंसी को ज़रूरी गाइडलाइन जारी की गई हैं।

ऑथराइज़्ड एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग हुई
हाल ही में, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने योजना से जुड़ी सभी ऑथराइज़्ड एजेंसियों के प्रतिनिधियों, डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर, डिस्ट्रिक्ट पंचायत राज ऑफिसर, सभी ब्लॉक पंचायत राज ऑफिसर और टेक्निकल टीम के साथ मीटिंग की।

मीटिंग में ज़रूरी गाइडलाइन जारी की गई हैं। इसी तरह, जिले में लगी सभी सोलर स्ट्रीट लाइटों को पूरी तरह चालू करने की कोशिशें तेज़ कर दी गई हैं। जिन जगहों पर लाइटें बंद हैं या जहां टेक्निकल खराबी की शिकायतें मिली हैं, उनकी लिस्ट तैयार की जाएगी, ताकि तुरंत रिपेयर किया जा सके।

सभी एजेंसियां ​​टेक्निकल रूप से खराब सोलर स्ट्रीट लाइटों को रिपेयर करने को प्रायोरिटी देंगी। इसके लिए पंचायत लेवल पर कोऑर्डिनेशन बनाया जाएगा और टाइम-बाउंड एक्शन प्लान बनाया जाएगा।

सभी कामों का रेगुलर रिव्यू
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, स्कीम के तहत किए जा रहे कामों का रेगुलर रिव्यू किया जाएगा। अगर लापरवाही, देरी या क्वालिटी में कमी पाई जाती है, तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ जरूरी एक्शन लिया जाएगा। सभी एजेंसियों को नई गाइडलाइंस के मुताबिक काम करना होगा।