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खरीक प्रखंड में शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थानों की जांच, लापरवाही उजागर — जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई कार्रवाई

 

भोजपुर जिले के खरीक प्रखंड में जिलाधिकारी के आदेश के बाद विभिन्न शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थानों की व्यापक जांच की गई। इस जांच अभियान में पीजीआरओ सोनी कुमारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) मोना कुमारी शामिल रहीं। टीम ने कई स्थानों का निरीक्षण किया, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।

तुलसीपुर के आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिले

जांच टीम जब तुलसीपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पहुँची, तो वहां केंद्र पूरी तरह बंद पाया गया। न तो सेविका और न ही सहायिका उपस्थित थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि केंद्र अक्सर बंद ही रहता है। बच्चों को मिलने वाले पोषाहार और अन्य लाभों पर भी सवाल उठाए गए।

ध्रुबगंज में मिली अनियमितताएं

ध्रुबगंज के आंगनबाड़ी केंद्र में भी कई गड़बड़ियां पाई गईं।

  • आवश्यक रजिस्टर व्यवस्थित नहीं थे

  • बच्चों की उपस्थिति के आंकड़ों में विसंगतियाँ मिलीं

  • पोषाहार वितरण की प्रक्रिया में लापरवाही सामने आई

जांच टीम ने संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है और विभाग को कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने की बात कही है।

विद्यालय का हाल, शिक्षक नहीं बता सके राज्यपाल का नाम

निरीक्षण के दौरान खरीक के एक सरकारी विद्यालय की स्थिति ने टीम को और हैरान कर दिया। यहां शिक्षण स्तर की पोल उस समय खुल गई जब एक शिक्षक ही बिहार के वर्तमान राज्यपाल का नाम नहीं बता सके। टीम ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए संबंधित शिक्षक से जवाब-तलब करने का निर्देश जारी किया।

खाद दुकानदारों का गायब होना, दुकानें बंद

खरीक प्रखंड में संचालित खाद दुकानों की जांच के दौरान कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर फरार मिले। इससे ये आशंका और मजबूत हुई कि दुकानदार गलत तरीके से खाद वितरण या स्टॉक छुपाने में शामिल हो सकते हैं। टीम ने ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

जिला प्रशासन सख्त, और होगी कार्रवाई

जांच टीम ने सभी अनियमितताओं की विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। प्रशासन ने संकेत दिया है कि जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, आंगनबाड़ी और विद्यालयों की व्यवस्था में सुधार के लिए निर्देश भी जारी किए जाएँगे।