बिहार में CSR खर्च की जानकारी अब होगी सार्वजनिक, उपमुख्यमंत्री ने किया पोर्टल का शुभारंभ
बिहार में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत कंपनियों द्वारा किए जाने वाले खर्च की जानकारी अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी। यह पहल सीएसआर पोर्टल के माध्यम से की जा रही है, जिसका शुभारंभ मंगलवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि यह पोर्टल राज्य में सीएसआर गतिविधियों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है। अब राज्य के लोग और सरकारी विभाग आसानी से जान सकेंगे कि विभिन्न कंपनियों ने समाज और पर्यावरण के कल्याण के लिए कितनी राशि खर्च की है और यह राशि किन-किन क्षेत्रों में प्रयोग हुई।
सम्राट चौधरी ने कहा कि CSR केवल कंपनियों की जिम्मेदारी नहीं बल्कि यह समाज के विकास और नागरिक कल्याण का भी महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल कंपनियों के लिए भी एक मंच प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी CSR परियोजनाओं को सही तरीके से रिपोर्ट कर सकें और उनकी उपलब्धियां सामने आ सकें।
सीएसआर पोर्टल के माध्यम से अब बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में किए जाने वाले खर्च और परियोजनाओं की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। इससे राज्य के नागरिकों को यह देखने का मौका मिलेगा कि कंपनियों की सामाजिक जिम्मेदारी किस तरह से निभाई जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस पहल से राज्य में सीएसआर गतिविधियों में पारदर्शिता बढ़ेगी और सरकारी निगरानी को भी मदद मिलेगी। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि CSR के तहत की जाने वाली राशि वास्तव में समाज के हित में और प्रभावी ढंग से खर्च हो।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह पोर्टल राज्य सरकार की डिजिटल पहल का हिस्सा है, जिससे हर विभाग और नागरिक को सटीक और त्वरित जानकारी मिल सके। पोर्टल में उपलब्ध डेटा के माध्यम से सरकार भविष्य में CSR परियोजनाओं की योजना और निगरानी बेहतर तरीके से कर सकेगी।
इस पोर्टल का शुभारंभ राज्य में नवाचार और डिजिटल शासन को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब राज्य के नागरिक, शोधकर्ता, पत्रकार और प्रशासनिक अधिकारी CSR खर्च और परियोजनाओं का विस्तृत विवरण ऑनलाइन देख सकेंगे।
इस प्रकार, बिहार में CSR पोर्टल का शुभारंभ पारदर्शिता, जवाबदेही और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल कंपनियों की जिम्मेदारी स्पष्ट होगी बल्कि समाज के हर वर्ग को यह जानने का अवसर मिलेगा कि CSR के तहत किया गया निवेश सही दिशा में और प्रभावी ढंग से समाज के हित में जा रहा है।