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पटना में राजद को मिला जेपी आंदोलन के सेनानियों का साथ, कई समाजवादी नेताओं ने थामा लालू का दामन

 

बिहार की राजनीति में एक बार फिर से नई सियासी सरगर्मी देखने को मिली, जब जेपी आंदोलन से जुड़े कई वरिष्ठ नेता और समाजवादी विचारधारा के दिग्गजों ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सदस्यता ग्रहण कर ली। यह सदस्यता ग्रहण समारोह पटना में आयोजित किया गया, जिसमें पूर्व जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और जेपी सेनानी नरेन्द्र सिंह कुशवाहा, समाजवादी नेता प्रमानंद सिंह, रविशंकर बढ़ई, आसिफ साहिल, मोहम्मद सैफुद्दीन अहमद और एजाजुल हक सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राजद का दामन थामा

लालू यादव की विचारधारा को बताया असली समाजवाद

कार्यक्रम में शामिल नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजद ही आज के दौर में सच्चे समाजवादी मूल्यों और जेपी आंदोलन की विरासत को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि

"लालू प्रसाद यादव ने हमेशा समाज के वंचित, गरीब और पिछड़े तबकों की आवाज को उठाया है। अब वही विचारधारा हमें फिर से एकजुट कर रही है।"

नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने क्यों चुना राजद?

नरेंद्र सिंह कुशवाहा, जो कभी जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं, ने कहा कि

"आज बिहार में जो सामाजिक न्याय और समरसता की आवाज गूंज रही है, वह लालू यादव के कारण ही संभव है। समय आ गया है कि हम सब एकजुट होकर उस आवाज को और बुलंद करें।"

राजद नेतृत्व ने किया जोरदार स्वागत

राजद की ओर से समारोह में शामिल हुए वरिष्ठ नेताओं ने इन सभी समाजवादियों का दिल से स्वागत किया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि

"जेपी आंदोलन से जुड़े सेनानियों का राजद में आना यह दर्शाता है कि जनता का भरोसा एक बार फिर समाजवादी मूल्यों और सामाजिक न्याय की राजनीति पर लौट रहा है।"

आने वाले चुनावों पर प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि राजद में इस तरह के पुराने समाजवादी चेहरों का आना आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर पार्टी को विचारधारा के स्तर पर और मजबूत करेगा। यह कदम उन मतदाताओं के बीच भी संदेश देगा, जो जेपी आंदोलन और उसके मूल्यों को लेकर भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं।