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Bhagalpur पुष्प वाटिका में सिया-रघुबर की प्रेम कहानी के रस में डूब गए सभी श्रद्धालु

 


बिहार न्यूज़ डेस्क !!! अमर नवयुवक छात्र संघ दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के छठवें दिन कथा व्यास उमेश ओझा के द्वारा कथा प्रसंग के तहत पुष्प वाटिका में सीता राम मिलाप व धनुष भंग की कथा का आयोजन किया गया था । जहां भक्त गण कथा प्रसंग सुन भाव विभोर हो गए और वही राम जी के द्वारा धनुष टूटने के साथ श्री राम प्रभु के जयघोष से पूरा वातावरण को गुंजयमान कर दिया ।

इसके आगे बताया जा रहा है कि, सिया जी और प्रभु राम जी के बीच में लता है जिससे प्रभु राम जी का दर्शन अच्छी प्रकार से नहीं हो रहा है जीव ब्रह्म के बीच में माया रहती है जिससे ब्रह्म का दर्शन नहीं हो पाता है जीव माया को नहीं हटा सकता है स्वयं ब्रम्ह ही माया को हटा सकते हैं प्रभु राम जी लता रूपी माया को स्वयं हटाकर सिया जी सहित समस्त साथियों को दर्शन दे रहे हैं समस्त प्राणियों को नेत्र पर निमी जी विद्यमान रहते हैं यह निमी राजा सिया जी के कुल के पूर्वज हैं उन्हें देवताओं का ऐसा वरदान मिला था कि प्रत्येक प्राणियों के नेत्रों पर जाकर रहना इधर निमिजी को संकोच हुआ की बच्चों के बीच में बुड्ढों को नहीं रहना चाहिए।

अतः सिया जी वश्री राघवेंद्र सरकार के पलकों से निमिजी संकोच वश हट गए ।परिणामतः दोनों सरकार का पलक गिरना बंद हो गया। वे एक दूसरे को अपलक दृष्टि से देखने लगे पलक गिरता है तो उसे निवेश करते हैं। पलक ऊपर उठे तो उनमेश कहते है। यह तीनों नाम निमिजी के नाम पर पड़ता है।

भागलपुर न्यूज़ डेस्क !!!