बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच तीखी नोकझोंक, एसआईआर को लेकर उठा विवाद
बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच एसआईआर (स्पेशल इलेक्टोरल रिवीजन) को लेकर तीखी बहस देखने को मिली।
तेजस्वी यादव ने सदन में मुद्दा उठाते हुए कहा कि एसआईआर पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे एसआईआर के विरोध में नहीं हैं, बल्कि चुनाव आयोग द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा –
“हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से चुनाव आयोग बिना उचित जनसुनवाई और पारदर्शिता के प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है, वह ठीक नहीं है। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।”
इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, और उसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। उन्होंने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के पास विकास के मुद्दे नहीं हैं, इसलिए वे चुनावी प्रक्रियाओं पर बेवजह शंका पैदा कर रहे हैं।
दोनों नेताओं के बीच हुई इस बहस के चलते सदन में कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति बन गई। स्पीकर को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा।
क्या है एसआईआर विवाद?
स्पेशल इलेक्टोरल रिवीजन यानी एसआईआर की प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण किया जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में वोटरों को बिना सूचना के सूची से हटाया जा रहा है, जिससे मतदान का अधिकार प्रभावित हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनावों से पहले एसआईआर का मुद्दा राज्य की राजनीति में एक बड़ा सियासी मोड़ ला सकता है, खासकर जब सभी दल चुनावी मोड में आ चुके हैं।