कारगिल विजय दिवस पर शहीद शिवशंकर गुप्ता के परिजनों को किया गया सम्मानित, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बढ़ाया हौसला
शनिवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर बिहार की राजधानी पटना में आयोजित एक भव्य सम्मान समारोह में औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड स्थित बंचर गांव निवासी कारगिल शहीद शिवशंकर गुप्ता के परिजनों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम ‘द हिंदू फाउंडेशन, नागपुर’ द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें देश की रक्षा में प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की वीरता और बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
इस गरिमामय अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शहीद शिवशंकर गुप्ता के परिवार को सम्मानित किया और उनके बलिदान को राष्ट्र की अमूल्य धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि “कारगिल जैसे कठिन युद्ध में हमारे जवानों ने जिस साहस और वीरता का परिचय दिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। देश को ऐसे सपूतों पर गर्व है।”
समारोह में बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी शहीद के परिवार को सम्मानित किया और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में भारत ने न केवल विजय प्राप्त की, बल्कि यह भी साबित किया कि देश की सुरक्षा के लिए हमारे जवान किसी भी हद तक जा सकते हैं।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह, बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और भाजपा के बिहार प्रदेश संगठन मंत्री भिखूभाई दलसानिया समेत कई प्रमुख नेता और समाजसेवी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कारगिल के शहीदों की वीरता को नमन किया।
शहीद शिवशंकर गुप्ता, जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेते हुए वीरगति पाई थी, आज भी अपने गांव और जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। उनके परिवार को इस तरह के मंच पर सम्मानित किए जाने से न केवल उनका मनोबल बढ़ा है, बल्कि अन्य शहीद परिवारों को भी गौरव की अनुभूति हुई है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, युवाओं और आम नागरिकों की उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि देश कभी भी अपने शहीदों को नहीं भूलता। सभी ने मिलकर ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ देशभक्ति की भावना को जीवंत किया।
कारगिल विजय दिवस न केवल विजय का पर्व है, बल्कि यह अवसर है उन अमर जवानों को याद करने का, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।