बिहार में ट्रेनों की कमी पर लोकसभा में उठी आवाज: गिरिधारी यादव का आरोप
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद गिरिधारी यादव ने बुधवार को लोकसभा में बिहार में ट्रेनों की कमी पर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने दावा किया कि पिछले 11 वर्षों में बिहार को एक भी नई ट्रेन नहीं मिली, जबकि केंद्र में राजग की सरकार लाने में इस प्रदेश की बड़ी भूमिका थी।
गिरिधारी यादव का बयान
गिरिधारी यादव ने संसद में कहा, "बिहार के लोग राजग सरकार के समर्थन से केंद्र सरकार में शामिल हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें रेलवे में कोई नई ट्रेन नहीं मिली। यह बेहद निराशाजनक है, क्योंकि बिहार एक रेलवे प्रमुख राज्य है और यहां के लोग बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के हकदार हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को बिहार की रेलवे जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए, और वहां की रेल नेटवर्क का विस्तार होना चाहिए, ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
बिहार में ट्रेनों की स्थिति
बिहार में रेलवे सुविधाओं की स्थिति हमेशा से एक विवाद का विषय रही है। राज्य के कई इलाकों में ट्रेन कनेक्टिविटी की भारी कमी देखी जाती है। राजधानी पटना से लेकर दूरदराज के क्षेत्रों तक रेलवे नेटवर्क का विस्तार एक बड़ी मांग रही है।
गिरिधारी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार सरकार और लोकल नेता राज्य में रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार की लगातार मांग कर रहे हैं।
विपक्ष का आरोप
इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी बिहार में रेलवे सुविधाओं की कमी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि रेलवे परियोजनाओं के नाम पर बिहार को सिर्फ वादे ही मिले हैं। राज्य के कई हिस्सों में यात्री ट्रेन की संख्या भी कम है, और नए मार्गों का निर्माण न के बराबर हो रहा है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
बिहार सरकार की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और रेल मंत्री लक्ष्मी रत्न त्रिपाठी ने भी समय-समय पर रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार की बातें की हैं। पिछले कुछ वर्षों में कुछ नई ट्रेनों और रेल मार्गों की घोषणा हुई है, लेकिन इनकी वास्तविकता में कमी रही है।