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महकार की पगडंडियों से संसद की सीढ़ियों तक: जीतन राम मांझी की संघर्षपूर्ण यात्रा

 

महकार समुदाय से उठकर संसद की सीढ़ियों तक का सफर जीतन राम मांझी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। समाज के सबसे निचले तबके से निकलकर राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले मांझी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ रहा है। 1980 में कांग्रेस पार्टी की सरकार में फतेहपुर से विधायक बनकर राजनीति में कदम रखने वाले जीतन राम मांझी आज न सिर्फ समाज में बल्कि पूरे देश में अपनी साख रखते हैं।

संसद तक का सफर:
जीतन राम मांझी का राजनीतिक सफर महज एक व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि समाज के वंचित वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत है। महकार समुदाय, जो बिहार के पिछड़े और दलित वर्गों में आता है, से ताल्लुक रखने वाले मांझी ने अपनी मेहनत और संघर्ष से यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और सही दिशा में काम करने से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है। 1980 में विधायक बनने के बाद मांझी की राजनीति में तेजी से पकड़ी और वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे, जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी भूमिका सबसे प्रमुख रही।

समाज के लिए योगदान:
मांझी ने हमेशा अपने समाज के उत्थान के लिए काम किया है। उन्होंने समाज के सबसे निचले तबके को लेकर अपनी आवाज उठाई और कई ऐसे कदम उठाए, जिनसे वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाने की दिशा में काम किया। वे हमेशा से यह मानते आए हैं कि हर व्यक्ति को समान अवसर मिलना चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या समुदाय से ताल्लुक रखता हो। उनकी इस सोच ने उन्हें न सिर्फ एक अच्छे नेता, बल्कि एक समाज सुधारक के रूप में भी स्थापित किया।

बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका:
जीतन राम मांझी ने बिहार की राजनीति में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। वे एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों के मुद्दों को हमेशा प्राथमिकता दी। वे बिहार में मुख्यमंत्री बने और अपने कार्यकाल में कई सुधारात्मक कदम उठाए, जिनसे राज्य के विकास को दिशा मिली। मांझी की छवि हमेशा एक संघर्षशील और प्रगतिशील नेता की रही है, जो समाज के हर वर्ग के लिए समान अवसरों के लिए काम करता है।

कांग्रेस से शुरुआत, बीजेपी और महागठबंधन तक की यात्रा:
जीतन राम मांझी का राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ था, जहां उन्होंने 1980 में फतेहपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। इसके बाद उनका राजनीतिक सफर कई बदलावों से गुजरा। उन्होंने बिहार में महागठबंधन सरकार का हिस्सा बनकर और बाद में बीजेपी के साथ भी गठबंधन किया। मांझी का राजनीतिक सफर उनके सिद्धांतों के साथ रहा, जहां वे हमेशा अपने समाज के लिए आवाज उठाते रहे।