पूर्णिया में जादू-टोना के शक में पांच परिवार के सदस्यों की हत्या, शवों को जलाया गया, पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया
बिहार के पूर्णिया जिले में एक खौ़फनाक वारदात सामने आई है, जहां जादू-टोना करने के संदेह में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर उनके शवों को जला दिया गया। यह घटना रविवार रात (06 जुलाई, 2025) की है और सोमवार (07 जुलाई, 2025) को सामने आने के बाद से इलाके में सनसनी फैल गई।
🔴 क्या था मामला?
घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव के राजीगंज पंचायत के वार्ड संख्या 10 की है। आरोप है कि एक परिवार को जादू-टोना करने का आरोप लगा कर स्थानीय कुछ लोगों ने बर्बरता से उनका खात्मा कर दिया। मृतकों में बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी और उनके तीन अन्य परिवारिक सदस्य शामिल थे।
बताया जा रहा है कि आरोपियों ने इस परिवार को बंदी बना कर जिंदा जलाया, और फिर उनके शवों को पूरी तरह से आग में जलाकर नष्ट कर दिया। इस वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया गया।
📞 पुलिस ने किया त्वरित कार्रवाई
जैसे ही घटना की जानकारी पुलिस को मिली, उन्होंने तत्काल जांच शुरू की और टीम गठित की। मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद पुलिस ने बयान लिए और इलाके में छानबीन तेज कर दी है। घटना स्थल से कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
पूर्णिया एसपी ने कहा:
"यह एक अत्यंत गंभीर और घृणित अपराध है। पुलिस पूरी मुस्तैदी से जांच कर रही है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
🔍 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और उससे पूछताछ जारी है। अभी तक कुछ और संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है, और इस घटना में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
🗣️ गांव में तनाव, प्रशासन तैनात
इस बर्बर हत्या के बाद गांव में तनाव का माहौल है। पुलिस ने गांव में सुरक्षा बढ़ा दी है और अतिरिक्त बल तैनात किया गया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। वहीं, स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
⚖️ जादू-टोना पर बढ़ती रोकथाम की आवश्यकता
यह घटना एक बार फिर बिहार में अंधविश्वास और जादू-टोना जैसी प्रथाओं की गंभीरता को उजागर करती है। ऐसे मामलों को देखते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को इन कुप्रथाओं के खिलाफ और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।