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बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा, बेतिया से एक फर्जी अभ्यर्थी गिरफ्तार

 

बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान एक बार फिर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। राज्य सरकार द्वारा आयोजित इस अहम परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बार मामला बेतिया के एम.जे.के कॉलेज परीक्षा केंद्र का है, जहां एक फर्जी अभ्यर्थी को परीक्षा में दूसरे की जगह बैठते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया

आरोपी की पहचान

गिरफ्तार किए गए युवक की पहचान प्रकाश कुमार, पिता सूर्यदेव प्रसाद, निवासी काको गांव, घोरानबीघा थाना क्षेत्र, जिला जहानाबाद के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि प्रकाश कुमार किसी अन्य उम्मीदवार की जगह परीक्षा देने पहुंचा था

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा उजागर

परीक्षा केंद्र में प्रवेश के दौरान जब दस्तावेजों का मिलान किया गया, तो संदेह होने पर केंद्राधीक्षक ने बारीकी से पूछताछ की। प्रकाश कुमार की बॉयोमेट्रिक पहचान और मूल अभ्यर्थी के रिकॉर्ड में गड़बड़ी पाए जाने पर पुलिस को सूचना दी गई। तत्पश्चात मौके पर मौजूद पुलिस बल ने उसे तुरंत हिरासत में ले लिया

पुलिस की कार्रवाई

बेतिया सदर थाना प्रभारी ने बताया कि फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ने के बाद प्राथमिक जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि उसने परीक्षा में किसी और की जगह बैठने का प्रयास किया था। आरोपी से पूछताछ जारी है और यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इसके पीछे कोई बड़ा गैंग या रैकेट सक्रिय है या नहीं।

प्रशासन सख्त, आगे भी होगी निगरानी

इस घटना के बाद परीक्षा आयोजक एजेंसी और जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा के सभी केंद्रों पर निगरानी और कड़ी कर दी गई है, ताकि फर्जीवाड़े की किसी भी कोशिश को समय रहते रोका जा सके

सीसीटीवी कैमरे, बॉयोमेट्रिक पहचान और ओटीपी वेरिफिकेशन के बावजूद फर्जी परीक्षार्थियों की मौजूदगी, न केवल परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि परीक्षा में बैठने वाले लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ भी है।

बढ़ती घटनाएं, गहरी साजिश?

बिहार में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। सिपाही भर्ती, बीपीएससी, एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर सॉल्वर गैंग और नकल माफिया सक्रिय पाए जाते हैं। हालिया घटना इस बात की तस्दीक करती है कि फर्जीवाड़े की समस्या अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हो सकी है