भागलपुर में पीएम आवास योजना के लिए फर्जी आवेदन करने वालों की अब खैर नहीं, गांव-गांव पहुंच रही टीम
भागलपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। लंबे समय से मिल रही शिकायतों और जांच रिपोर्ट के बाद अब जिला प्रशासन ने विशेष जांच टीम का गठन किया है, जो गांव-गांव जाकर आवास योजना के लाभार्थियों की भौतिक जांच कर रही है। इस कार्रवाई से फर्जी आवेदन करने वालों में हड़कंप मच गया है।
प्रशासन को यह सूचना मिल रही थी कि कई ऐसे लोग पीएम आवास योजना का लाभ उठा रहे हैं, जिनके पास पहले से पक्का मकान है या जो योजना की पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करते। वहीं, कई वास्तविक गरीब और बेघर परिवार अब तक योजना के लाभ से वंचित हैं। इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला स्तर पर जांच अभियान शुरू किया गया है।
जांच टीम में प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंचायत सचिव, आवास पर्यवेक्षक और तकनीकी सहायकों को शामिल किया गया है। यह टीम प्रत्येक पंचायत में जाकर लाभार्थियों के घरों की स्थिति, जमीन के कागजात, परिवार की आर्थिक स्थिति और पहले से बने मकानों की जानकारी जुटा रही है। साथ ही लाभार्थियों से आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेजों का सत्यापन भी किया जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती जांच में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां अपात्र लोगों ने गलत जानकारी देकर आवास योजना का लाभ लिया है। कुछ मामलों में तो एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों ने अलग-अलग आवेदन कर योजना का फायदा उठा लिया। ऐसे सभी मामलों को चिन्हित कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। न सिर्फ ऐसे लोगों से आवास योजना की राशि की वसूली की जाएगी, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। संबंधित पंचायत और प्रखंड स्तर के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। यदि किसी कर्मचारी की लापरवाही या मिलीभगत पाई गई तो उस पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है।
वहीं, प्रशासन का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचाना है। जिन परिवारों को सही मायने में पक्के मकान की जरूरत है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। जांच पूरी होने के बाद पात्र लाभार्थियों की नई सूची तैयार की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्रवाई को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जहां ईमानदार और जरूरतमंद लोग प्रशासन की इस पहल का स्वागत कर रहे हैं, वहीं फर्जी लाभ उठाने वाले लोग अब चिंता में हैं। प्रशासन ने आम लोगों से भी अपील की है कि यदि उन्हें किसी तरह की अनियमितता की जानकारी हो तो उसकी सूचना प्रखंड कार्यालय या जिला प्रशासन को दें।