अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी में बवाल, ग्रामीणों से भिड़ी उत्पाद विभाग की टीम, फायरिंग में युवक की मौत
जिले में अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक बड़ी घटना सामने आई है। उत्पाद विभाग की पुलिस टीम जब एक गांव में छापेमारी के लिए पहुंची, तो वहां शराब माफियाओं और स्थानीय ग्रामीणों ने टीम पर जानलेवा हमला कर दिया। घटना के दौरान पत्थरबाजी और लाठी-डंडों से हमला किया गया, जिससे पुलिस बल को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। इस दौरान सैप (स्पेशल ऑक्जिलरी पुलिस) के एक जवान की फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला?
घटना शहर से सटे एक गांव की है, जहां अवैध शराब की सूचना पर उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी करने गई थी। टीम के पहुंचते ही कुछ स्थानीय लोग और माफिया तत्व इकट्ठा हो गए और उन्होंने पुलिस टीम को घेर लिया। इसके बाद अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई और लाठी-डंडों से हमला कर दिया गया।
स्थिति बिगड़ते देख टीम में मौजूद सैप के एक जवान ने आत्मरक्षा में फायरिंग कर दी, जिसमें एक युवक को गोली लग गई। युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
युवक की मौत के बाद गांव में तनाव
गोली लगने से युवक की मौत के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया है। मृतक की पहचान स्थानीय निवासी के रूप में हुई है। घटना के बाद ग्रामीणों का आक्रोश और भड़क गया, और उन्होंने अस्पताल ले जाने से पहले शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पुलिस बल तैनात, स्थिति तनावपूर्ण
घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। गांव में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है।
प्रशासन का बयान
उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने कहा कि
"टीम पर हमला पूर्व नियोजित था। शराब माफियाओं को कार्रवाई की भनक लग चुकी थी। जवानों ने आत्मरक्षा में फायरिंग की, जिसकी जांच कराई जाएगी।"
वहीं, मृतक युवक के परिजनों का आरोप है कि
"वह निर्दोष था और फायरिंग बिल्कुल अनावश्यक थी।"
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
घटना को लेकर स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने भी चिंता जताई है। उन्होंने अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई को सही बताया, लेकिन साथ ही बिना सावधानी और संवाद के की गई पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए।