लोकसभा में मॉनसून सत्र के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और बिहार SIR पर गरमाई सियासत, राजनाथ सिंह और पप्पू यादव आमने-सामने
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर लोकसभा में जोरदार बहस हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। बहस के केंद्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बिहार से सांसद पप्पू यादव के बीच हुई तीखी शब्दीय भिड़ंत रही।
राजनाथ सिंह ने रखी सरकार की बात
लोकसभा में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में सफल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा,
"ऑपरेशन सिंदूर भारत की विदेश नीति और रक्षा रणनीति की बड़ी उपलब्धि है। इससे यह सिद्ध हुआ है कि भारत अब किसी भी सूरत में अपने नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार ने जिस त्वरित और प्रभावी तरीके से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, वह भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव का प्रमाण है।
पप्पू यादव ने खड़े किए सवाल
राजनाथ सिंह के बयान के बाद विपक्ष की ओर से पप्पू यादव ने कई तीखे सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा,
"ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन क्या सरकार यह बताएगी कि जिन परिस्थितियों में भारतीय नागरिक फंसे, उसकी ज़िम्मेदारी किसकी थी?"
पप्पू यादव ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जनता को केवल राष्ट्रीयता और सैन्य शक्ति के नाम पर भावनात्मक रूप से बहला रही है, जबकि ज़मीनी स्तर पर बेरोज़गारी, महंगाई और चुनावी प्रक्रियाओं में गड़बड़ियां लगातार बढ़ रही हैं।
बिहार SIR पर भी उठे सवाल
बात सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर तक सीमित नहीं रही। पप्पू यादव ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है और इसके जरिए मतदाता सूची में अनावश्यक छेड़छाड़ की जा रही है।
उन्होंने पूछा,
"क्या चुनाव आयोग की निष्पक्षता सुरक्षित है? और क्या SIR के जरिए कुछ वर्गों को वोट देने से वंचित करने की कोशिश की जा रही है?"
सत्ता पक्ष ने किया विरोध
पप्पू यादव के आरोपों पर सत्ता पक्ष की ओर से कड़ा विरोध किया गया। भाजपा सांसदों ने कहा कि SIR एक संवैधानिक और नियमित प्रक्रिया है, जिसमें सभी दलों को भागीदारी का अधिकार है। इसे राजनीतिक रंग देना गलत है। स्पीकर ने भी सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की और विषय को समिति के सामने लाने की बात कही।