बख्तियारपुर जंक्शन का नाम बदलने की मांग तेज, ‘मगध द्वार’ रखने को लेकर बिहार में बवाल
बिहार में एक बार फिर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस बार मामला बख्तियारपुर जंक्शन से जुड़ा है, जिसे लेकर कई सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने इसका नाम बदलकर ‘मगध द्वार’ करने की मांग तेज कर दी है। यह मांग अब धीरे-धीरे जनआंदोलन का रूप लेती नजर आ रही है।
संगठनों का कहना है कि बख्तियारपुर नाम एक आक्रांता से जुड़ा हुआ माना जाता है और आज़ाद भारत में किसी सार्वजनिक स्थान का नाम ऐसे व्यक्ति के नाम पर नहीं होना चाहिए। उनका तर्क है कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से मगध साम्राज्य का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, ऐसे में स्टेशन का नाम ‘मगध द्वार’ होना अधिक उपयुक्त और गौरवपूर्ण होगा।
नाम बदलने की मांग को लेकर स्थानीय स्तर पर बैठकों, ज्ञापन और पोस्टर अभियान शुरू हो चुके हैं। कई संगठनों ने जिला प्रशासन और रेल मंत्रालय को ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि यह सिर्फ नाम बदलने का मामला नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक सम्मान से जुड़ा विषय है।
विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि वे आने वाली पीढ़ियों को किसी आक्रांता के नाम से जुड़ी पहचान नहीं देना चाहते। उनका दावा है कि देशभर में कई जगहों पर ऐसे नाम बदले जा चुके हैं, जो औपनिवेशिक या आक्रांता मानसिकता से जुड़े थे, ऐसे में बख्तियारपुर जंक्शन का नाम बदलना भी उसी प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए।
हालांकि, इस मांग को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। कुछ स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता इसे गैर-ज़रूरी विवाद बता रहे हैं। उनका कहना है कि नाम बदलने से ज्यादा ज़रूरी है स्टेशन और क्षेत्र के बुनियादी ढांचे का विकास। उनका तर्क है कि नाम बदलने की प्रक्रिया लंबी और खर्चीली होती है, जिसका सीधा लाभ आम जनता को नहीं मिलता।
रेलवे प्रशासन की ओर से फिलहाल इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जानकारों का कहना है कि किसी भी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार की सिफारिश, केंद्र की मंजूरी और रेलवे बोर्ड की स्वीकृति आवश्यक होती है। ऐसे में यह प्रक्रिया समय लेने वाली हो सकती है।
राजनीतिक गलियारों में भी इस मांग को लेकर हलचल देखी जा रही है। कुछ नेताओं ने खुले तौर पर नाम बदलने का समर्थन किया है, जबकि कुछ ने इसे जनता का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने वाला विषय बताया है।
फिलहाल, बख्तियारपुर जंक्शन का नाम बदलकर ‘मगध द्वार’ करने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मांग सिर्फ संगठनों तक सीमित रहती है या सरकार और रेलवे प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाते हैं।