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बिहार में शीत लहर का कहर: 30 जिलों में कोल्ड डे और घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट, 31 दिसंबर तक नहीं मिलेगी राहत

 

बिहार में इन दिनों कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सर्द पछुआ हवाओं और लगातार छाए कोहरे के कारण राज्य में शीत लहर जैसी स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।

मौसम विभाग ने शनिवार को बिहार के 30 जिलों में ‘कोल्ड डे’ और घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि सुबह और देर रात दृश्यता बेहद कम रहने की संभावना है, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हो सकता है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर-पश्चिम से चल रही सर्द पछुआ हवाओं के कारण ठंड और अधिक बढ़ गई है। दिन में धूप नहीं निकलने से तापमान में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है, जिससे लोगों को दिनभर ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों में दिन का तापमान भी सामान्य से काफी नीचे दर्ज किया जा रहा है, जिसे कोल्ड डे की स्थिति माना जा रहा है।

मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर तक मौसम में किसी बड़े सुधार की संभावना नहीं है। इस दौरान न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही बना रहेगा। खासकर उत्तर बिहार और मध्य बिहार के जिलों में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है।

घने कोहरे के कारण राज्य के कई हिस्सों में सुबह के समय दृश्यता बेहद कम हो गई है। इससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं, जबकि बस सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अत्यधिक आवश्यक होने पर ही यात्रा करें और वाहन चलाते समय सावधानी बरतें।

ठंड का असर सबसे ज्यादा बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर पड़ रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। डॉक्टरों ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने, सुबह-शाम बाहर निकलने से बचने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी है।

प्रशासन की ओर से जिलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। कई जगहों पर अलाव की व्यवस्था की जा रही है और रैन बसेरों को सक्रिय किया गया है। स्कूलों के समय में भी बदलाव को लेकर जिला प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।