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छपरा का 'रिंग बांध' बना जीवन रक्षक, बाढ़ से दो राज्यों के लाखों लोगों को मिल रही राहत

 

बिहार के छपरा जिले में गंडक नदी के किनारे स्थित एक अनोखा बांध दो राज्यों — बिहार और उत्तर प्रदेश — के लाखों लोगों की जान-माल की रक्षा कर रहा है। यह बांध ‘रिंग बांध’ के नाम से जाना जाता है और इसका निर्माण आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस बांध ने हर साल आने वाली भयानक बाढ़ की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया है।

इस बांध का निर्माण उस समय की एक ज़रूरत बन गया था, जब गंडक नदी की उफनती धारा हर साल बाढ़ लाकर गांवों को तबाह कर देती थी। स्थिति इतनी विकराल होती थी कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग महीनों तक अपने घरों की छतों पर रहने को मजबूर हो जाते थे। उस समय बाढ़ का पानी 15 से 18 फीट तक भर जाता था, जिससे करीब एक लाख से अधिक लोग प्रभावित होते थे। लोग जान जोखिम में डालकर छतों पर दिन गुजारते थे और साथ ही उन्हें जहरीले सांपों व अन्य जीव-जंतुओं से भी खतरा बना रहता था।

रिंग बांध के निर्माण के बाद इस भयावह स्थिति में काफी सुधार आया है। अब यह बांध न केवल बाढ़ के पानी को गांवों में घुसने से रोकता है, बल्कि लोगों को सुरक्षा का भाव भी प्रदान करता है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह बांध उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। बारिश का मौसम अब उनके लिए पहले जितना डरावना नहीं रह गया है।

बांध के निर्माण से छपरा जिले के अलावा उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के कई गांवों को भी राहत मिली है। खास बात यह है कि इस परियोजना की योजना और क्रियान्वयन के दौरान दोनों राज्यों के प्रशासन ने मिलकर काम किया। नतीजा यह हुआ कि आज यह बांध केवल एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि दो राज्यों के बीच समन्वय और साझेदारी का प्रतीक बन गया है।

इस बांध की मरम्मत और नियमित निगरानी का जिम्मा अब आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई विभाग ने संयुक्त रूप से लिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, भविष्य में इस रिंग बांध को और मजबूत बनाने की योजना भी तैयार की जा रही है, ताकि भविष्य में कोई भी आपदा लोगों की जिंदगी को प्रभावित न कर सके।

इस अनूठी परियोजना ने यह साबित कर दिया है कि समय पर की गई योजना और प्रशासनिक इच्छाशक्ति किसी भी आपदा का समाधान खोज सकती है। छपरा का रिंग बांध अब केवल मिट्टी और पत्थरों की दीवार नहीं, बल्कि दो राज्यों के लाखों लोगों की उम्मीद और सुरक्षा की दीवार बन चुका है।