सोनवर्षा गंगा दियारा में गंगा की धारा बदलने से किसानों की जमीन लौट आई, आंदोलन की चेतावनी
बिहपुर के सोनवर्षा गंगा दियारा में गंगा नदी की धारा बदलने से किसानों की लंबे समय से बेदखल जमीन वापस आ गई है। हालांकि, जमीन पर कब्जा और मालिकाना हक को लेकर विवाद अभी भी कायम है।
किसानों की मांग
किसानों का कहना है कि जमीन को पुराने मालिकों के नाम पर दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में किसी प्रकार के विवाद से बचा जा सके। उनका कहना है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे प्रशासन और सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
पिछली कोशिशें और समस्या
पिछले साल किसानों की सभा ने एक सम्मेलन आयोजित किया था और अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया था। उस समय भी उन्होंने जमीन के मालिकाना हक को नियमित करने की मांग की थी, लेकिन तब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
आंदोलन की तैयारी
अब किसानों ने साफ संकेत दिया है कि यदि जमीन उनके नाम पर दर्ज नहीं की गई, तो वे आंदोलन के जरिए अपनी मांग पूरी कराएंगे। स्थानीय नेताओं और समाजसेवी संगठनों ने किसानों को शांतिपूर्ण और कानूनी तरीके से संघर्ष करने की सलाह दी है।
प्रशासन की भूमिका
जिला प्रशासन और भूमि विभाग को अब स्थिति पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। किसानों के हक की रक्षा और भविष्य में विवाद टालने के लिए जरूरी कार्रवाई जल्द करनी होगी।
गंगा की धारा बदलने से लौट आई जमीन किसानों के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन यदि प्रशासन ने जल्द निर्णय नहीं लिया, तो यह मामला राजनीतिक और सामाजिक विवाद का रूप ले सकता है।