बिहार वोटर लिस्ट विवाद गरमाया, संसद तक पहुंचा मामला — RJD का चुनाव बहिष्कार तक का संकेत
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर राजनीतिक घमासान और तेज हो गया है। मामला अब पटना की सड़कों से निकलकर दिल्ली के संसद भवन तक पहुंच गया है। गुरुवार को INDIA गठबंधन के सांसदों ने संसद में इस मुद्दे को उठाया और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर विरोध दर्ज कराया।
इस बीच राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सियासी हलकों में हलचल मचा देने वाला बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट में धांधली और गड़बड़ी यूं ही जारी रही, तो राजद (RJD) आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर सकती है। तेजस्वी ने कहा,
"अगर मतदाता सूची में मृत लोगों के नाम बनाए रखे जाएंगे और फर्जी मतदाता जोड़े जाएंगे, तो यह लोकतंत्र की हत्या है। ऐसी स्थिति में हम चुनाव से दूर भी रह सकते हैं।"
चुनाव आयोग का पलटवार – ‘फर्जी वोट हटाना जरूरी’
इधर, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
"मृत वोटर्स को लिस्ट से हटाना गलत कैसे हो सकता है? क्या फर्जी मतदान को बढ़ावा देना चाहिए? इस पर राजनीतिक चश्मा हटाकर विचार होना चाहिए।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत का संविधान लोकतंत्र की जननी है और उसकी गरिमा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर
RJD समेत विपक्षी दलों का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर गरीब, अल्पसंख्यक और दलित वर्ग के वोटरों को जानबूझकर लिस्ट से हटाया जा रहा है, जिससे सत्तारूढ़ दल को फायदा मिल सके। वहीं सत्तारूढ़ NDA खेमे का कहना है कि यह सब शुद्धिकरण प्रक्रिया है और विपक्ष अनावश्यक विवाद पैदा कर रहा है।
नजरें चुनाव आयोग और दिल्ली पर
अब जब मामला संसद में गूंज चुका है और RJD जैसे बड़े दल ने चुनाव बहिष्कार तक की चेतावनी दे दी है, ऐसे में आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी तूल पकड़ सकता है। सभी की निगाहें अब चुनाव आयोग की आगामी कार्यवाही और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।