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बिहार में 'जूते से मारने' के वायरल ऑडियो के बाद एमएलए भाई वीरेंद्र पर आरोप, कार्यकर्ता ने गिफ्ट किया जूता

 

बिहार के मनेर विधानसभा क्षेत्र में पंचायत सचिव को धमका कर 'जूते से मारने' की बात करने वाला एक वायरल ऑडियो राजनीतिक हलकों में तूल पकड़ चुका है। इस ऑडियो के सामने आने के बाद से राज्य की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। गुरुवार को इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र के पास एक कार्यकर्ता जूता गिफ्ट करने पहुंचा। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें विधायक भाई वीरेंद्र यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि उनका "स्लिप ऑफ टंग" (जुबान फिसलने) से राजद के पदाधिकारी उत्साहित हो गए हैं।

क्या है वायरल ऑडियो विवाद?
यह मामला मनेर विधानसभा क्षेत्र में तैनात पंचायत सचिव से जुड़ा है, जिनसे जुड़े एक ऑडियो में कथित तौर पर कहा गया था कि सचिव को 'जूते से मारने' की धमकी दी गई। ऑडियो में कुछ अफसरों और नेता के बीच की बातचीत में धमकी दी जा रही थी, जिसके बाद यह ऑडियो वायरल हो गया और विवाद का रूप ले लिया।

इस ऑडियो के सामने आने के बाद, विपक्षी दलों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाए। आरोप था कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ इस तरह की धमकियां राजनीति और प्रशासन में तानाशाही के प्रतीक हैं।

भाई वीरेंद्र का बयान
वायरल ऑडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया है। उन्होंने इसे "स्लिप ऑफ टंग" करार देते हुए यह भी कहा कि इस बयान से राजद के कुछ पदाधिकारी "उत्साहित" हो गए हैं। उनके मुताबिक, यह केवल एक व्यक्तिगत टिप्पणी थी और इसका कोई गंभीर मतलब नहीं था।

भाई वीरेंद्र का कहना था कि बिहार में प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक अफसरों की तानाशाही चल रही है और सत्ता के नशे में अफसर जनता के साथ गलत व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी समस्या है, जिसे सुलझाने की जरूरत है।

कार्यकर्ता द्वारा जूता गिफ्ट करने की घटना
इस विवाद में और तूल तब पाई जब एक कार्यकर्ता भाई वीरेंद्र से मिलने उनके पास पहुंचा और उन्हें एक जूता गिफ्ट कर दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसमें कार्यकर्ता ने गिफ्ट के रूप में जूता देने का इशारा किया। कार्यकर्ता का यह कदम सीधे तौर पर वायरल ऑडियो के बयान से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा था, जिसमें पंचायत सचिव को जूते से मारने की धमकी दी गई थी।

राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने बिहार के सियासी माहौल को और भी गर्मा दिया है। जहां एक ओर भाजपा और विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर भाई वीरेंद्र के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है, वहीं सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह घटना प्रदेश में प्रशासनिक तानाशाही और राजनीतिक दबाव का प्रत्यक्ष उदाहरण है।