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बिहार के उद्योगपति गोपाल खेमका का अंतिम संस्कार, गुलबी घाट पर नम आंखों से दी गई विदाई

 

बिहार के प्रतिष्ठित उद्योगपति गोपाल खेमका का शनिवार को गुलबी घाट पर पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया उनके छोटे बेटे गौरव खेमका ने मुखाग्नि देकर पूरी की। जैसे ही चिता को आग दी गई, घाट पर मौजूद हर आंख नम हो गई। गोपाल खेमका की अंतिम विदाई में राजनीतिक, औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी तमाम हस्तियां उपस्थित रहीं

बेटी के आने के बाद हुआ अंतिम संस्कार

परिवार के अनुसार, गोपाल खेमका की बेटी स्कॉटलैंड में रहती हैं, जो पिता के निधन की खबर मिलते ही रवाना हो गई थीं। शनिवार दोपहर जब वह पटना पहुंचीं और अपने पिता से लिपटकर रो पड़ीं, तो वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंख भर आई। उनके आने के बाद ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे पारिवारिक परंपरा और भावनाओं का मान रखा जा सके।

गुलबी घाट पर उमड़ा जनसैलाब

गुलबी घाट पर गोपाल खेमका को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे परिवार, रिश्तेदारों, कर्मचारियों, दोस्तों और शहर के आम नागरिकों की भीड़ उमड़ पड़ी। अंतिम संस्कार के दौरान घाट पर शोक की गहरी छाया थी।

आवास पर लगा श्रद्धांजलि देने वालों का तांता

पटना के राम गुलाम चौक स्थित उनके आवास पर भी सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। बिहार के व्यवसायिक जगत से जुड़े तमाम बड़े चेहरे, गोपाल खेमका के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि, व्यापार मंडल के सदस्य और सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रमुख लोग शामिल थे।

राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि

राजनीतिक जगत से भी कई प्रमुख चेहरों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गुलाबी घाट पहुंचकर गोपाल खेमका को श्रद्धांजलि दी और परिजनों को ढांढस बंधाया। दोनों नेताओं ने कहा कि

"गोपाल खेमका न केवल एक सफल उद्योगपति थे, बल्कि समाजसेवा और उदार व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाते थे। उनका जाना बिहार के लिए अपूरणीय क्षति है।"

उद्यमिता और समाजसेवा का मिला-जुला चेहरा

गोपाल खेमका को बिहार के व्यापारिक क्षेत्र में सादगी, मेहनत और सेवा भाव के प्रतीक के रूप में देखा जाता था। उन्होंने अपने जीवन में न केवल औद्योगिक क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि सामाजिक कल्याण के अनेक कार्यों में भी सक्रिय भागीदारी निभाई