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बिहार बना देश का पहला राज्य, जहां शुरू हुआ स्थानिक दाखिल-खारिज पोर्टल, भूमि विवादों के समाधान में मिलेगी गति

 

डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहां स्थानिक दाखिल-खारिज पोर्टल की शुरुआत की गई है। यह महत्वपूर्ण पहल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा की गई है, जिससे भूमि संबंधी मामलों के डिजिटल प्रबंधन को नया आयाम मिलेगा।

इस एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली (ILRMS) के तहत शुरू किए गए स्थानिक दाखिल-खारिज पोर्टल का उद्घाटन मंगलवार को पटना के शास्त्री नगर स्थित सर्वे भवन में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने किया।

डिजिटल युग की ओर बढ़ता बिहार

इस अवसर पर मंत्री सरावगी ने कहा,

"झोला युग समाप्त हो गया है, अब लैपटॉप युग की शुरुआत हो गई है।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि डिजिटाइजेशन विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है और यह पोर्टल राज्य में भू-अभिलेखों के त्वरित और पारदर्शी प्रबंधन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने बताया कि जैसे ही विशेष सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण होगा, वैसे ही आम जनता को इस पोर्टल का व्यावहारिक लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। भूमि विवादों के त्वरित निपटारे और दाखिल-खारिज की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और गति इस प्रणाली के दो मुख्य उद्देश्य हैं।

क्या है स्थानिक दाखिल-खारिज पोर्टल?

इस पोर्टल के माध्यम से भूमि मालिक अब भू-अभिलेखों के परिवर्तन (दाखिल-खारिज) से संबंधित आवेदन ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके साथ ही भूखंडों की डिजिटल मैपिंग, ऑनलाइन म्युटेशन ट्रैकिंग, और स्वचालित सत्यापन प्रणाली जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।

इस तकनीक के तहत भू-अभिलेख, नक्शा और दाखिल-खारिज की स्थिति एक ही मंच पर समाहित रहेगी, जिससे सभी संबंधित प्रक्रियाएं समयबद्ध और विवाद रहित होंगी।

आम लोगों को होंगे ये लाभ:

  • भूखंड संबंधी विवादों के समाधान में तेजी आएगी।

  • ऑनलाइन ट्रैकिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी।

  • दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।

  • बिचौलियों और फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

  • किसानों, भू-स्वामियों, निवेशकों को सटीक और प्रमाणित जानकारी मिलेगी।

बिहार की बड़ी पहल

बिहार सरकार की यह पहल न केवल राज्य की भूमि प्रशासन व्यवस्था को आधुनिक और सशक्त बनाएगी, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी।

मंत्री सरावगी ने यह भी कहा कि आने वाले समय में इस पोर्टल को और अधिक उपयोगी बनाने के लिए निरंतर तकनीकी अपडेट और जन सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाएगा।