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बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप, सरकार ने जांच समिति गठित की

 

बिहार सरकार ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) में नियुक्तियों और प्रोन्नतियों को लेकर हुई अनियमितताओं की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दुनिया राम सिंह पर भर्ती प्रक्रिया से लेकर पदोन्नति तक में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं।

आरोपों में क्या है?

सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय में:

  • कई नियम विरुद्ध नियुक्तियां की गईं।

  • पदोन्नति प्रक्रिया में योग्यता और मापदंडों की अनदेखी हुई।

  • मनमानी तरीके से पद सृजित और भरे गए।

  • चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव रहा।

इन सभी आरोपों को लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्र संगठनों के बीच लंबे समय से नाराजगी बनी हुई थी।

सरकार की कार्रवाई

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच समिति के गठन का आदेश जारी किया है। यह समिति:

  • पिछले पांच वर्षों की नियुक्तियों व प्रोन्नतियों की जांच करेगी।

  • कुलपति और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की पड़ताल करेगी।

  • आवश्यक दस्तावेजों और प्रक्रिया का परीक्षण करेगी।

जांच समिति में कौन होंगे सदस्य?

सूत्रों के मुताबिक, गठित समिति में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद और वित्त विभाग के प्रतिनिधि शामिल किए गए हैं। जांच समिति को एक निर्धारित समयावधि (संभावित 30 दिन) के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

कुलपति की प्रतिक्रिया

फिलहाल कुलपति डॉ. दुनिया राम सिंह ने आरोपों पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यह दावा किया गया है कि

"सभी नियुक्तियां नियमानुसार की गई हैं और जांच में सच सामने आ जाएगा।"

विपक्ष और शिक्षा विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों और कई शिक्षा विशेषज्ञों ने इस मामले को लेकर बिहार सरकार की लचर निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि

"राज्य के विश्वविद्यालयों में लगातार भ्रष्टाचार और अनियमितताएं सामने आ रही हैं, जो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही हैं।"