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Bihar Election:बिहार में किस कानून के तहत चुनाव आयोग नई मतदाता सूची बना रहा

 

बिहार में इन दिनों मतदाता सूची को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है। चुनाव आयोग (ECI) ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान शुरू किया है, जिसमें पुरानी मतदाता सूची को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि किस कानून के तहत ECI ऐसा कर रहा है? क्या इसके कारण मतदाता सूची से किसी का नाम हटाया जा सकता है? और सुप्रीम कोर्ट का इस बारे में क्या कहना है? आइए यहाँ सब कुछ समझते हैं...

बिहार SIR: किस कानून के तहत यह संशोधन किया जा रहा है?

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21(3) के तहत चुनाव आयोग (ECI) को यह शक्ति प्राप्त है। इस धारा के अनुसार, चुनाव आयोग "किसी भी प्रक्रिया द्वारा जो वह उचित समझे" मतदाता सूची में संशोधन कर सकता है। यानी, अगर ECI को लगता है कि मतदाता सूची में कोई गलती है, कई नए मतदाता जुड़ गए हैं या पुरानी जानकारी गलत है, तो वह मतदाता सूची को फिर से बनाने या अपडेट करने का फैसला ले सकता है। इस कानून के तहत, ECI को मतदाता सूची को अपडेट या फिर से बनाने का अधिकार है। इसका मतलब है कि अगर मतदाता सूची में कोई त्रुटि है, नए मतदाता जुड़े हैं या पुरानी जानकारी गलत है, तो चुनाव आयोग उसे ठीक करने के लिए कदम उठा सकता है। यह कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से भी जुड़ा है, जो चुनाव प्रक्रिया को संभालने की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग को देता है।