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Bihar Election: विपक्ष के बाद अब नीतीश कुमार के साथी ने भी वोटर लिस्ट रिवीजन पर उठाए सवाल, कहा- बहुत कम समय दिया
 

 

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पंजीकरण सुधार को लेकर राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है और इस प्रक्रिया को अलोकतांत्रिक बताया है। वहीं, एनडीए के सहयोगी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए बहुत कम समय दिया गया है और चुनाव आयोग को लोगों की चिंताओं का समाधान करना चाहिए।

'कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए'
आरएलएम के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि चुनाव आयोग जो कर रहा है, उस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर मतदाता सूची में संशोधन किया जा रहा है, तो इसमें किसी को क्या आपत्ति होनी चाहिए? मतदाता सूची में संशोधन किया जाना चाहिए। हालांकि, समय कम है और चुनाव आयोग को यह काम थोड़ा पहले कर लेना चाहिए था। चुनाव आयोग को सभी व्यक्त की जा रही चिंताओं का खुलकर समाधान करना चाहिए।

नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे चुनाव
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि एनडीए में आम सहमति है कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, उनके नेतृत्व में जीतेंगे और उनके नेतृत्व में सरकार बनाएंगे। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे जो चाहें कह रहे हैं।

'कई लोगों के पास दस्तावेज नहीं'

मीडिया से बात करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने भी माना है कि कई लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो कभी स्कूल नहीं गए, इसलिए मैट्रिक पास करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि अगर समय होता तो निवास प्रमाण पत्र बन सकता था।

विपक्ष ने उठाए सवाल

बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विपक्ष ने कई सवाल उठाए हैं। विपक्षी दलों खासकर आरजेडी, कांग्रेस, टीएमसी और एआईएमआईएम ने इस प्रक्रिया को 'लोकतंत्र पर हमला' और 'बैक डोर एनआरसी' करार दिया है। विपक्ष का कहना है कि मतदाता सूची का सत्यापन असंभव है। तेजस्वी यादव ने इसे संदेहास्पद और जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया।