Bihar Election 2025: तेजस्वी ने SIR पर मोर्चा खोला तो सीएम नीतीश बोले- तुम तो...; विधानसभा अध्यक्ष भी गरम
एसआईआर का विरोध करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बहुत से लोग बिहार से बाहर काम करते हैं, लेकिन वोट देने के लिए वापस राज्य में आते हैं। चुनाव आयोग लोगों की नागरिकता साबित करने वाला कौन होता है? हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और एसआईआर वापस ले।
सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित होने के बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा बाहर आए। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि विधानसभा किसी के बाप की नहीं है। यह बेहद आपत्तिजनक है। लोकतंत्र के मंदिर में ऐसी भाषा शोभा नहीं देती। राजद के लोग गुंडागर्दी करना चाहते हैं, वे सदन में गुंडागर्दी करते हैं। वे अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं और सदन को चलने नहीं देते। राजद के लोग एसआईआर मुद्दे पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
बुधवार को विधानसभा में भाजपा कोटे के विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने भाजपा के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को साफ तौर पर याद दिलाया कि वे विधानसभा अध्यक्ष हैं। हुआ यूं कि राजद विधायक भाई वीरेंद्र की टिप्पणी पर अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने तेजस्वी यादव से कहा कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। विजय सिन्हा बीच में ही कूद पड़े और माफ़ी मांगने लगे। इस दौरान अध्यक्ष ने उन्हें याद दिलाया कि वे आसन पर हैं, विजय सिन्हा नहीं।
11:09 पूर्वाह्न, 23-जुलाई-2025 विपक्ष के नेता ने विजय सिन्हा के ख़िलाफ़ जताया विरोध
विपक्ष के नेता जब बोल रहे थे, तभी उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा खड़े हो गए और विरोध करने लगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि वे आपके बारे में बहुत संकीर्ण सोच रखते हैं। इसके बाद मंत्री प्रेम कुमार ने भी तेजस्वी यादव की बातों पर आपत्ति जताई। सीएम नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव से पूछा कि जब आप छोटे थे। आपके माता-पिता भी मुख्यमंत्री रहे, लेकिन एक भी काम नहीं किया। अब ये सब कहने का क्या मतलब है? पहले बजट क्या था? अब हमने तीन लाख करोड़ से ज़्यादा का बजट बना दिया है। अब बात ये है कि अगर चुनाव लड़ना है, तो बकवास करते रहो। पता है, तब आप बच्चे थे। उस समय पटना में कोई बाहर भी नहीं निकलता था। मुझे याद है कि हमने कितने काम किए। अब जब चुनाव होंगे तो जनता जिसे चुनेगी, वही सदन में आएगा।