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बिहार विधानसभा सत्र: तेजस्वी यादव ने फिर उठाया SIR का मुद्दा, कहा— "गरीबों से छीना जा रहा वोट देने का अधिकार"

 

बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान एक बार फिर एसआईआर (Special Intensive Revision) को लेकर सदन गरमाया रहा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर जोरदार बहस की मांग करते हुए कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया के माध्यम से गरीब, पिछड़े और वंचित वर्गों से वोट देने का अधिकार छीना जा रहा है।

तेजस्वी यादव ने सदन में कहा—

"SIR प्रक्रिया की आड़ में लाखों गरीबों और दलितों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। यह लोकतंत्र के खिलाफ है। हम बार-बार इस पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार जवाब देने से बच रही है।"

उन्होंने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग की प्रक्रिया को राजनीतिक उद्देश्य से प्रभावित किया जा रहा है? क्या गरीबों की भागीदारी को जानबूझकर रोका जा रहा है?

मंत्री विजय कुमार चौधरी का जवाब

तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए बिहार सरकार की ओर से मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से चल रही है।

"हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस प्रक्रिया में बिहार का कोई भी सही नागरिक नहीं छूटेगा। सभी योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल किया जाएगा। किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा।"

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है। सरकार ने पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।

राजनीतिक हलकों में हलचल

एसआईआर को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। विपक्ष इसे गरीबों की वोटिंग राइट पर हमला मान रहा है, तो सरकार इसे एक नियमित प्रशासनिक कार्यवाही बता रही है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा विधानसभा से निकलकर बिहार की सियासत का बड़ा चुनावी मुद्दा बनता है या नहीं।