बिहार विधानसभा चुनाव 2025, झामुमो को हिस्सेदारी दिलाने में कांग्रेस सक्रिय, गठबंधन की एकजुटता पर जोर
झारखंड में सत्ता में भागीदार और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अब बिहार की सियासत में भी अपनी भागीदारी पक्की करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने झामुमो के लिए सीटों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
गुरुवार को कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के. राजू ने एक अहम बयान देते हुए कहा कि उनकी पार्टी झामुमो को बिहार में उचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने इसे महागठबंधन (INDIA गठबंधन) की एकजुटता और मजबूती के लिए जरूरी कदम बताया।
झामुमो की बढ़ती महत्वाकांक्षा
झारखंड में सत्ता में रहते हुए झामुमो अब अपने राजनीतिक विस्तार की कोशिश कर रहा है, और उसका फोकस अब बिहार के संथाल परगना से सटे इलाकों और आदिवासी बहुल क्षेत्रों पर है। पार्टी का मानना है कि सीमावर्ती जिलों—जैसे कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और जमुई—में उसका प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
झामुमो नेतृत्व चाहता है कि गठबंधन के भीतर उसे बिहार में भी मौका दिया जाए ताकि वह अपनी राजनीतिक जमीन वहां मजबूत कर सके। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल में होने के बावजूद पार्टी का मनोबल मजबूत है और अब वह अपनी उपस्थिति झारखंड से बाहर भी दर्ज कराना चाहती है।
कांग्रेस की भूमिका
कांग्रेस, जो खुद बिहार में महागठबंधन का अहम हिस्सा है, अब झामुमो को भी हिस्सेदार बनाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा रही है। के. राजू ने साफ किया कि गठबंधन के सभी घटक दलों की भूमिका को समान रूप से महत्व दिया जाएगा और किसी भी दल की उपेक्षा नहीं होगी।
राजू ने यह भी कहा,
“हम चाहते हैं कि महागठबंधन में शामिल हर पार्टी को उनकी ताकत और क्षेत्रीय प्रभाव के अनुसार भागीदारी मिले। झामुमो भी इस गठबंधन का हिस्सा है और हम उसे बिहार में उसका उचित स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
संभावित असर
यदि झामुमो को बिहार में सीटें दी जाती हैं, तो यह गठबंधन की नयी रणनीति का हिस्सा हो सकता है—जहां हर पार्टी को उसकी भौगोलिक और जातीय पकड़ के आधार पर जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे महागठबंधन को माइक्रो लेवल पर वोट बैंक को साधने में मदद मिल सकती है।
एनडीए पर निशाना
कांग्रेस और झामुमो दोनों ने इस कदम को एनडीए की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक बताया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि INDIA गठबंधन का उद्देश्य समावेशी राजनीति को बढ़ावा देना है, न कि केवल सत्ता की राजनीति करना।