Bihar Assembly Election: देशभर में होगा वोटर लिस्ट का रिवीजन, चुनाव आयोग चलाएगी SIR
चुनाव आयोग ने बिहार जैसे सभी राज्यों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू करने का फैसला किया है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों को पूरी तरह पारदर्शी और स्वच्छ बनाना है, ताकि उनमें किसी भी विदेशी नागरिक का नाम न हो। बिहार में हाल ही में हुए निरीक्षण के दौरान सीमांचल समेत कई इलाकों में मतदाता सूचियों में विदेशी नागरिकों के नाम पाए गए। देश में दो दशक पहले भी ऐसा ही एक विशेष अभियान चलाया गया था और तब से अब तक स्थिति काफी बदल गई है, इसलिए अब मतदाता सूचियों की गहन जाँच ज़रूरी हो गई है।
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को इस अभियान की तैयारी करने और अंतिम विशेष पुनरीक्षण सूची आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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2002 के बाद नए मतदाता: उन्हें संबंधित दस्तावेज़ दिखाकर अपना नाम दर्ज कराना होगा।
2002 से पहले के मतदाता: उन्हें केवल निर्धारित फ़ॉर्म भरना होगा।
यह अभियान अन्य राज्यों में भी अलग-अलग समय पर चलाया गया, जैसे 2008 में दिल्ली में और 2006 में उत्तराखंड में।
चुनावी राज्यों पर विशेष ध्यान
चुनाव आयोग उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जहाँ 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें शामिल हैं:
पश्चिम बंगाल
असम
केरल
पुडुचेरी
तमिलनाडु
इन राज्यों में प्राथमिकता के आधार पर मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण किया जाएगा।
विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) क्या है?
विशेष पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित कदम उठाए जाते हैं:
मृत मतदाताओं के नाम हटाना: जो मतदाता अब जीवित नहीं हैं, उन्हें सूची से हटा दिया जाएगा।
नए मतदाताओं को जोड़ना: योग्य नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा जाएगा।
गलत जानकारी में सुधार: नाम, पते या अन्य विवरणों में त्रुटियों में सुधार।
दोहरे नामों को हटाना: एक ही व्यक्ति के दोहराए गए नामों को रद्द करना।
स्थायी प्रवासियों के नाम हटाना: स्थायी रूप से क्षेत्र छोड़कर जा चुके लोगों के नाम हटा दिए जाएँगे।
राष्ट्रीय स्तर पर SIR क्यों ज़रूरी है?
चुनाव आयोग इस अभियान को पूरे देश में लागू करना चाहता है ताकि:
पारदर्शिता सुनिश्चित हो: मतदाता सूची पूरी तरह से सटीक और विश्वसनीय हो।
राजनीतिक दलों का विश्वास बढ़े: सूची में संदेह की कोई गुंजाइश न रहे।
विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगे: कोई भी गैर-नागरिक मतदान नहीं कर पाएगा।
फर्जी मतदान रोकें: अवैध मतदान पर रोक लगे।
नए मतदाताओं को आसानी से जोड़ना: बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर नए मतदाताओं को जोड़ें।