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हज यात्रा के इच्छुक आज़मीन के लिए बड़ी राहत, अब पासपोर्ट पर उपनाम (सरनेम) जरूरी नहीं

 

हज यात्रा की ख्वाहिश रखने वाले हजारों आज़मीन के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने एक अहम फैसले में पासपोर्ट पर उपनाम (सरनेम) होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अब हज आवेदन करते समय आवेदकों को पासपोर्ट पर उपनाम लिखवाना जरूरी नहीं होगा।

इस फैसले से उन तमाम लोगों को लाभ मिलेगा जिनके पासपोर्ट में केवल उनका पहला नाम दर्ज है और सरनेम नहीं लिखा है। अब ऐसे लोग भी हज 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई

हज कमेटी ने बताया कि हज 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है, और इच्छुक यात्री 31 जुलाई तक अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से कमेटी ने कई अन्य निर्देशों में भी संशोधन किया है, ताकि अधिक से अधिक लोग हज यात्रा के लिए अप्लाई कर सकें।

पहले क्या थी परेशानी?

पहले हज आवेदन करने वाले यात्रियों के लिए यह जरूरी था कि उनके पासपोर्ट पर पूरा नाम यानी पहला नाम और सरनेम (उपनाम) दोनों दर्ज हों। इस तकनीकी बाधा के कारण हजारों लोग आवेदन से वंचित रह जाते थे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों और कुछ राज्यों में अभी भी कई लोगों के पासपोर्ट पर सिर्फ एक ही नाम होता है।

क्या कहते हैं हज कमेटी के अधिकारी?

हज कमेटी के अधिकारियों का कहना है कि देशभर से इस मुद्दे को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। विशेषकर बुजुर्ग आज़मीन इस प्रक्रिया को लेकर परेशान थे। लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।

कैसे करें आवेदन?

हज यात्रा के इच्छुक व्यक्ति हज कमेटी ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़ों में पासपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक खाता और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं। अब पासपोर्ट पर नाम चाहे पूरा हो या केवल पहला नाम, इससे आवेदन प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने किया स्वागत

इस फैसले का मुस्लिम समुदाय और सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे हज यात्रा को लेकर अनावश्यक तकनीकी अड़चनों का समाधान हुआ है और अधिक लोग अब इस पवित्र यात्रा में शामिल हो सकेंगे।