बीएचयू को मिला नया कुलपति: प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी को मिली अहम जिम्मेदारी
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को अपना नया कुलपति मिल गया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की और मंडी के निदेशक रह चुके प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को शिक्षा मंत्रालय ने तीन वर्षों की अवधि के लिए बीएचयू का कुलपति नियुक्त किया है। इस बात की पुष्टि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने की है।
प्रोफेसर चतुर्वेदी इस समय आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और उन्हें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गहन अनुभव और शोध में उत्कृष्ट योगदान के लिए जाना जाता है।
शिक्षाविद के रूप में लंबा अनुभव
प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने देश के अग्रणी तकनीकी संस्थानों में प्रशासनिक और शैक्षणिक पदों पर काम किया है।
-
वह आईआईटी रुड़की के निदेशक रह चुके हैं, जहां उन्होंने संस्थान को कई नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
-
इसके अलावा, उन्होंने आईआईटी मंडी में भी निदेशक पद पर कार्य किया है।
-
शिक्षा के क्षेत्र में उनकी नीतिगत समझ, अनुसंधान में रुचि और तकनीकी नवाचारों में योगदान को व्यापक रूप से सराहा जाता है।
बीएचयू को मिलेगी नई दिशा?
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जिसे देश के प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों में गिना जाता है, एक नए नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रहा था। प्रो. चतुर्वेदी की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब विश्वविद्यालय को शैक्षणिक सुधार, अनुसंधान विस्तार और वैश्विक रैंकिंग सुधार जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आईआईटी प्रणाली से आए एक कुशल प्रशासक के रूप में प्रो. चतुर्वेदी बीएचयू को नई दिशा और ऊर्जा दे सकते हैं। उनके आने से तकनीकी और नवाचार आधारित शैक्षणिक वातावरण को बल मिलेगा, जो बीएचयू जैसे बहुविषयक विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से बयान
शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया,
“प्रो. चतुर्वेदी को कुलपति के रूप में नियुक्त करने का निर्णय उनके पिछले प्रशासनिक और शैक्षणिक अनुभव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में बीएचयू नई ऊंचाइयों को छुएगा।”
छात्रों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
बीएचयू के छात्रों और शिक्षकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ छात्र इसे नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं, जबकि शिक्षक समुदाय को प्रो. चतुर्वेदी से शैक्षणिक माहौल को और सुदृढ़ बनाने की उम्मीदें हैं।