भोजपुर के शाहपुर में शराब तस्करों ने की उत्पाद विभाग पर हमला, एक की गोली लगने से मौत, कई जवान घायल
बिहार के भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में रविवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब शराब की सूचना पर छापेमारी करने पहुंची उत्पाद विभाग की टीम पर तस्करों ने हमला कर दिया। घटना में कई जवान घायल हो गए, जबकि आत्मरक्षा में चलाई गई गोली से एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। इस घटना ने जिले में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।
शराब तस्करी की सूचना पर पहुंची थी टीम
पुलिस को सूचना मिली थी कि शाहपुर इलाके में अवैध शराब का कारोबार किया जा रहा है। इसी आधार पर उत्पाद विभाग की टीम रविवार शाम इलाके में छापेमारी के लिए पहुंची। लेकिन टीम को देख तस्करों ने एकजुट होकर ईंट-पत्थरों से हमला शुरू कर दिया। अचानक हुए इस हमले से टीम के जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला और कई जवान चोटिल हो गए। एक जवान की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आत्मरक्षा में चलाई गई गोली, एक की मौत
मौके की स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। जवानों ने जब अपनी जान को खतरे में देखा तो आत्मरक्षा में फायरिंग की, जिसमें एक व्यक्ति को गोली लग गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति गोली लगने से घायल हुआ है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।
मृतक की पहचान फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन प्रशासन ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
इलाके में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात
घटना के बाद स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच तनातनी का माहौल बन गया। कुछ लोगों ने फायरिंग को लेकर विरोध जताया और जवानों पर सवाल उठाए। वहीं, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि टीम पर जानलेवा हमला हुआ, जिसके बाद आत्मरक्षा में फायरिंग की गई।
भोजपुर के एसपी ने बयान देते हुए कहा, "टीम को पहले से सूचना मिली थी कि क्षेत्र में शराब का अवैध धंधा हो रहा है। वहां पहुंचते ही टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया। स्थिति गंभीर होती देख आत्मरक्षा में गोली चलाई गई। पूरे मामले की जांच की जा रही है।"
राजनीतिक प्रतिक्रिया और जांच की मांग
घटना पर विपक्षी दलों ने सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। राजद और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि अवैध शराब पर रोक लगाने के नाम पर निर्दोष लोगों को निशाना न बनाया जाए। दूसरी ओर, एनडीए नेताओं ने इसे शराब माफियाओं का दुस्साहस करार देते हुए कार्रवाई की मांग की है।