श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बना भागलपुर, नाग पंचमी पर उमड़ा जनसैलाब
सावन मास की पंचमी तिथि पर मंगलवार को पूरे भागलपुर में नाग पंचमी का पर्व श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। तड़के सुबह से ही शहर के शिवालयों और नाग देवता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं। खासकर महिलाओं की भागीदारी इस पर्व में विशेष रूप से देखने को मिली।
श्रद्धालुओं ने शिवलिंग और नाग देवता पर दूध, गंगाजल, बेलपत्र, पुष्प, दही और अक्षत चढ़ाकर पूजा-अर्चना की और सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान मंदिरों में "ॐ नमः शिवाय" और "नाग देवता की जय" के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा।
घर-घर में हुई पूजा, बच्चों ने बनाए नाग के चित्र
नाग पंचमी के अवसर पर कई परिवारों ने अपने घरों में भी नाग देवता की पूजा-अर्चना की। ग्रामीण इलाकों और परंपरागत परिवारों में दीवारों पर नाग देवता की आकृति बनाकर दूध और चावल से पूजा की गई। बच्चों ने भी रंग-बिरंगी रंगोली और चित्रों के माध्यम से पर्व में अपनी आस्था दिखाई।
मंदिरों में दिखी रौनक, दुकानों पर बढ़ी भीड़
भागलपुर के कालीघाट, आदमपुर शिवालय, बड़हरा शिव मंदिर और ललमटिया मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। पूजा सामग्रियों की दुकानों पर भी सुबह से ही भीड़ लगी रही। पंडितों ने विधिपूर्वक पूजा करवाई और नाग पंचमी के महत्व को बताया।
नाग पंचमी: आस्था, परंपरा और प्रकृति के प्रति सम्मान
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सर्पदोष, कालसर्प योग और आकस्मिक संकटों से मुक्ति मिलती है। यह पर्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि प्रकृति और जीव-जंतुओं के साथ सहअस्तित्व की भावना को भी बल देता है।