125 यूनिट फ्री बिजली का ऐलान: क्या चुनाव से पहले नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक साबित होगा गेमचेंजर
बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा चुनावी दांव चला है। उन्होंने प्रदेश के लाखों घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देते हुए हर महीने 125 यूनिट तक फ्री बिजली देने का ऐलान किया है। यह कदम सीधे तौर पर आम जनता खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग को राहत देने वाला है, जो अब महंगाई के इस दौर में कुछ हद तक राहत महसूस करेगा।
नीतीश कुमार का यह फैसला न केवल आर्थिक रूप से राहत देने वाला है, बल्कि इसका राजनीतिक संदेश भी गहरा है। इससे पहले दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त बिजली और पानी जैसे फैसलों के जरिए चुनाव में बड़ी सफलता हासिल की थी। बिहार में भी क्या यह मॉडल काम करेगा? सवाल अब राजनीतिक गलियारों में तेजी से घूमने लगा है।
महिलाएं, युवा, शिक्षक, बुजुर्ग – सबको साधने की कोशिश
125 यूनिट फ्री बिजली से पहले नीतीश सरकार ने कई और घोषणाएं की थीं:
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महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन और रोजगार प्रशिक्षण
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युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट और छात्रवृत्ति योजनाएं
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शिक्षकों को मानदेय और सेवा शर्तों में सुधार
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बुजुर्गों के लिए पेंशन और सामाजिक सुरक्षा
इन योजनाओं के जरिए नीतीश कुमार हर वर्ग को साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
क्या बनेगा एनडीए के लिए गेमचेंजर?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नीतीश कुमार के इन फैसलों का सीधा असर ग्रामीण और शहरी मतदाताओं पर पड़ सकता है। खासतौर पर महिलाएं और युवा इस योजना से प्रभावित हो सकते हैं। वहीं विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बता रहा है, लेकिन यह बात तय है कि फ्री बिजली का मुद्दा अब चुनावी विमर्श का अहम हिस्सा बन चुका है।
अब देखना होगा कि जनता इसे राहत के तौर पर लेती है या चुनावी हथकंडा मानती है। पर इतना तय है कि नीतीश कुमार का यह दांव एनडीए के लिए सीटों की सौगात भी बन सकता है और चुनौती भी।