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गया जिले में ओझा-गुनी के शक में वृद्ध की पीट-पीटकर हत्या, शव को आहर में दफनाया

 

गया जिले के टनकुप्पा थाना क्षेत्र अंतर्गत गजाधरपुर पंचायत के बरडीहा टोला दुखीबीघा गांव में शुक्रवार को अंधविश्वास की बली चढ़ी एक और जान। ग्रामीणों ने ओझा-गुनी (जादू-टोना) के शक में एक वृद्ध की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को छिपाने की नीयत से वजीरगंज थाना क्षेत्र के कोल्हना गांव स्थित एक आहर (पानी का स्रोत) में दफना दिया गया।

मृतक की पहचान दुखीबीघा गांव निवासी करीब 65 वर्षीय वृद्ध के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि गांव में किसी के बीमार होने या पशुओं की मृत्यु जैसे मामलों में ग्रामीण इस वृद्ध पर टोना-टोटका करने का आरोप लगाते थे। इसी संदेह के आधार पर शुक्रवार को कुछ ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और गांव के बाहर ले जाकर जमकर पिटाई कर दी। पिटाई इतनी क्रूर थी कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

हत्या के बाद आरोपियों ने वारदात को छिपाने की कोशिश की और शव को वजीरगंज क्षेत्र के कोल्हना गांव ले जाकर एक आहर में दफना दिया। घटना की भनक मिलने पर मृतक के परिजनों ने टनकुप्पा थाना में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए शव को आहर से बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

टनकुप्पा और वजीरगंज थाना पुलिस संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि हत्या में शामिल लोगों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। प्रथम दृष्टया मामला अंधविश्वास और ओझा-गुनी के आरोप से जुड़ा प्रतीत हो रहा है।

गांव में घटना के बाद तनाव का माहौल है। पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है ताकि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने इस बर्बर कृत्य की निंदा की है और लोगों से अंधविश्वास के खिलाफ जागरूक रहने की अपील की है।

यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में आज भी फैले अंधविश्वास की खतरनाक मानसिकता को भी उजागर करती है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द ही कानून के कठघरे में लाया जाएगा और मृतक को न्याय दिलाया जाएगा।